आप सब क़ौम के बहादुरों ने ख़ुद अपनी ताक़त और अपने ईमान और उस इंक़ेलाब के ज़रिए जो आपके भीतर पैदा हो गया है, मुल्क के अंदर तबाही मचाने वाले हाथ और बाहर से बढ़ने वाले विदेशी लुटेरों के हाथ काट दिए। आपने एक सरकश हुकूमत का अंत कर दिया और उसकी जगह एक इस्लामी हुकूमत क़ायम की। आप ही हैं जिन्होंने ये काम किया है, इसके मददगार रहिए ताकि इसकी रक्षा कर सकें, यह नहीं हो सकता कि इंसान एक काम अंजाम दे और आधे रास्ते से उसको छोड़कर अलग हो जाए। आज जब इस्लाम और इस्लामी गणराज्य आपके, हमारे और पूरी ईरानी क़ौम के हाथों में अमानत है, अगर हम इस्लामी गणराज्य के हितों के ख़िलाफ़ कुछ करते हैं, तो हमने अमानत में ख़यानत की है और अल्लाह के सामने हम मुजरिम और ग़द्दार हैं।
इमाम ख़ुमैनी
14/9/1984