इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने साम्राज्यवाद के ख़िलाफ़ संघर्ष के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर स्कूलों और यूनिवर्सिटियों के स्टूडेंट्स से 2 नवम्बर 2024 को सुबह तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में मुलाक़ात की।
हम साम्राज्यवाद से मुक़ाबले में हर वह काम जो लाज़िम और ज़रूरी है निश्चित तौर पर अंजाम देंगे और अलहम्दुलिल्लाह इस वक़्त भी देश के अधिकारी उसे अंजाम देने में लगे हुए हैं।
आज हज़ारों लोग आडियंस को प्रभावित करने वाले अलग अलग तरीक़ों की मदद से नौहा और मरसिया ख़ानी में मसरूफ़ हैं यह मामूली चीज़ नहीं है। आप सरकश, ज़ालिम, साम्राज्यवाद और करप्शन के ख़िलाफ़ संघर्ष का जज़्बा देश में आम कर सकते हैं।
इमाम ख़ामेनेई
12 जनवरी 2023
हमारे मुल्क में साम्राज्यवादी ताक़तों यानी पहले ब्रिटेन और फिर अमरीका का सबसे अहम मोर्चा, उनकी एजेन्ट सरकश हुकूमत थी। उनके ज़रिए क़ायम होने वाली सरकश हुकूमत उनके मोर्चे का काम करती थी। इंक़ेलाब आया तो उसने इस मोर्चे को ध्वस्त कर दिया, ख़त्म कर दिया, ढा दिया।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनेई ने 4 नवम्बर के यादगार दिन की मुनासेबत से बुधवार 2 नवम्बर 2022 को स्टुडेंट्स के बीच अपनी तक़रीर में 4 नवम्बर की तारीख़ की अहमियत को बयान किया।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने मौजूदा हालात, साम्राज्यवादी ताक़तों की साज़िशों और शैलियों और न्यू वर्ल्ड आर्डर के बारे में बड़े अहम प्वाइंट ब्यान किए। 4 नवम्बर बराबर 13 आबान को ईरान में छात्र दिवस और विश्व साम्राज्यवाद से मुक़ाबले का दिन मनाया जाता है।
तक़रीर पेश हैः
ठीक तीन साल पहले इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लडीर ने ग़ैर मामूली सलाहियत के मालिक नौजवानों से मुलाक़ात में कहा थाः ʺमुझे यक़ीन है कि आप नौजवान इतिहास और इस तरह की चीज़ों को ज़्यादा अहमियत नहीं देते। जो कुछ हुआ है, उसका हज़ारवां हिस्सा भी आपने बातों और प्रोपैगंडों में नहीं सुना है।ʺ यह बातें, जो हमारी तारीख़ में अंग्रेज़ों के क्राइम की तस्वीर पेश करती हैं, एक मोतबर राइटर ने बयान की हैं, एक इंक़ेलाबी व साम्राज्यवाद मुख़ालिफ़ इंसान, जवाहरलाल नेहरू।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 19 अक्तूबर 2022 को मुल्क के जीनियस और मुमताज़ इल्मी सलाहियत के मालिक नौनौजवानों से मुलाक़ात में तक़रीर की। इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में होने वाली अपनी तक़रीर में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने मुमताज़ इल्मी क़ाबिलियत को अल्लाह की नेमत क़रार दिया और इसके बेहतरीन इस्तेमाल के विषय पर बात की। आपने साइंस व टेक्नालोजी के मैदान में ईरान की हैरतअंगेज़ तरक़्क़ी की मिसालें बयान कीं और कुछ हिदायतें दीं। (1)
तक़रीर का तरजुमा पेश हैः