आज ज़ायोनी शासन बड़ी बेशर्मी से खुल्लम खुल्ला अपराध कर रहा है। इसकी वजह यह है कि हम अपनी आंतरिक ताक़त को इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। हमें इस्तेमाल करना चाहिए।
आज हमें इस्लामी उम्मत के गठन की ज़रूरत है, यानी इसके लिए कोशिश होनी चाहिए। इस संबंध में कौन मदद कर सकता है। सरकारें प्रभावी हो सकती हैं। अलबत्ता सरकारों में जज़्बा बहुत ठोस नहीं है। जो लोग इस जज़्बे को ठोस कर सकते हैं वह इस्लामी जगत का विशिष्ट वर्ग है।
एकता हफ़्ते के आग़ाज़ और ईदे मीलादुन्नबी पर, मुल्क के सुन्नी धर्मगुरुओं और हस्तियों ने सोमवार 16 सितम्बर की सुबह इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से तेहरान में मुलाक़ात की।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने सोमवार 16 सितम्बर को एकता हफ़्ते के आग़ाज़ और ईदे मीलादुन्नबी के मौक़े पर, सुन्नी धर्मगुरुओं, सुन्नी मदरसों के प्रिंसपलों और जुमे के इमामों से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में उन्होंने इस्लामी उम्मत जैसी क़ीमती पहचान की रक्षा को ज़रूरी बताया और इस्लामी एकता की अहमियत पर ताकीद की और इसे नुक़सान पहुंचाने की दुश्मनों की कोशिशों की ओर इशारा करते हुए कहाः "इस्लामी उम्मत" का विषय किसी भी स्थिति में भुलाया न जाए।
पैग़म्बरे इस्लाम और हज़रत इमाम सादिक़ अलैहिस्सलाम के मुबारक जन्म दिन पर अवाम, ओहदेदारों, तेहरान में मौजूद इस्लामी देशों के राजदूतों और इस्लामी एकता कान्फ़्रेंस में भाग लेने वाले विचारकों ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने पैग़म्बरे इस्लाम और उनके फ़रज़ंद इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिन के मौक़े पर देश के ओहदेदारों, इस्लामी मुल्कों के राजदूतों और इस्लामी एकता सम्मेलन में भाग लेने वालों से मुलाक़ात में पैग़म्बरे इस्लाम की शख़्सियत पर रौशनी डाली। 3 अक्तूबर 2023 के ख़ेताब में आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने क़ुरआन के अनादर की साज़िश, ज़ायोनी हुकूमत की मौत और मुसलमानों की एकता के विषय पर बात की।(1)
मुराद इस्लामी उम्मत के हितों की हिफ़ाज़त में एकता है। इस्लामी उम्मत के हित क्या हैं, किस से दुश्मनी और किस से दोस्ती रखना है, इस बारे में आपसी बातचीत से सहमति बने। इससे मुराद हैः साम्राज्यवाद की साज़िशों के मुक़ाबले में एकजुट कोशिश।
इमाम ख़ामेनेई
12 अकतूबर 2022
पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहि व आलेही व सल्लम और इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस के मौक़े पर ईरान के सिविल व फ़ौजी अधिकारियों और छत्तीसवीं अंतर्राष्ट्रीय इस्लामी एकता कॉन्फ़्रेंस में शिरकत करने वाले मेहमानों ने शुक्रवार को सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई से तेहरान में मुलाक़ात की।
पैग़म्बर की नज़र में इंसान की नजात का तरीक़ा यह नहीं था कि आप एक एक व्यक्ति की इस्लाह करें। नहीं, पहले दिन से पैग़म्बरे इस्लाम का तरीक़ा यह रहा कि इस तरह का समाज बनाया जाए जिसमें लोग मुत्तहिद रहें और उसमें इस्लामी मूल्यों के मुताबिक़ परवान चढ़ें और इस्लाम के मद्देनज़र बुलंदी तक पहुंचें।
इमाम ख़ामेनेई
1 नवम्बर 1986
ब्रितानी शिया और अमरीकी सुन्नी में कोई फ़र्क़ नहीं। दोनों ही क़ैंची के दो फल हैं। साम्राज्यवाद चाहता है कि इस्लामी दुनिया में इख़तेलाफ़ की लकीरों को गहरा करे शिया-सुन्नी जंग के ज़रिए, अरब व ग़ैर अरब जंग के ज़रिए, कभी शिया-शिया जंग और कभी सुन्नी-सुन्नी जंग के ज़रिए। जबकि अस्ली और बुनियादी फ़ासला एक ही है और वह इस्लामी दुनिया और कुफ़्र व साम्राज्यवाद की दुनिया के बीच का फ़ासला है। बाक़ी सारे मतभेदों को कम करने की ज़रूरत है।
इमाम ख़ामेनेई
3 सितम्बर 2022 और 17 दिसम्बर 2016
आयतुल्लाह ख़ामेनईः हाल ही में -कुछ महीने पहले- मुझे उस तुर्कमन (सुन्नी) महिला के परिवार का पत्र मिला जो मिना की घटना में शहीद हो गई थीं, उनके परिवार ने लिखा कि वह शायद इसी सफ़र में या इससे पहले वाले सफ़र में, मक्का गईं और वहां उन्होंने किसी को गवाह बनाया कि वह मेरी तरफ़ से हज कर रही हैं।