01/06/2025
बराअत को हमने बाहर से हज में शामिल नहीं किया है। हज का हिस्सा, हज की आत्मा और हज की विशाल सभा के वास्तविक अर्थ में है।
31/05/2025
सफ़ा व मरवा के बीच सई (तेज़ क़दमों से चलना) एक इबादत है, लेकिन इसका एक गहरा प्रतीकात्मक संदेश है। (यानी) ज़िंदगी की मुश्किलों के पहाड़ों के बीच लगातार आगे बढ़ते रहिए, कोशिश करते रहिए।
31/05/2025
तवाफ़ आपको यह सबक़ देता है: ज़िंदगी का अस्ली सबक़ तौहीद है। और यह सबक़ सिर्फ़ मोमिनों के लिए नहीं, बल्कि पूरी इंसानियत के लिए हैः और लोगों में हज का एलान कर दीजिए। (सूरए हज, आयत-27)
29/05/2025
ये सारे इबादती काम जो हज में हैं, इनमें से हर एक का एक सांकेतिक पहलू है। किसी न किसी इंसानी पहलू की तरफ़ इशारा है। जैसे शैतान को कंकड़ियाँ मारना (यानी) शैतान को मारो, जहां भी हो, जिस शक्ल में भी हो, जहाँ भी शैतान मिले, उसे कुचल दो! शैतान को कुचल दो।
26/05/2025
एहराम ख़ुदा के सामने नम्रता दिखाने का एक तरीक़ा है। ज़िंदगी के अलग-अलग कपड़ों, गहनों और सजावटों को कपड़े के एक टुकड़े से बदल देना। यह काम हज में मौजूद दुनिया का सबसे अमीर और सबसे ग़रीब इंसान दोनों एक ही तरह से करेंगे, उनमें कोई फ़र्क़ नहीं। क़ानून यही है: ख़ुदा के सामने सब इंसानों को बराबर कर देना।
05/05/2025
यह सभा बुनियादी तौर पर लोगों के फ़ायदे के लिए है। आज यह फ़ायदा क्या है? इस्लामी उम्मत की एकता। मेरी राय में इस्लामी उम्मत के लिए इससे बड़ा कोई फ़ायदा नहीं। अगर इस्लामी उम्मत एकजुट हो जाए, तो ग़ज़ा की त्रासदी न घटे, फ़िलिस्तीन की बर्बादी न हो, यमन इस तरह दबाव का शिकार न बने।
04/05/2025
हज की विशाल सभा के उपलक्ष्य में हज विभाग और इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के प्रतिनिधि कार्यालय के अधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने 4 मई 2025 की सुबह तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की।
04/05/2025
इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने आज रविवार 4 मई 2025 की सुबह हज के ओहदेदारों और ईरानी हाजियों के एक समूह से मुलाक़ात में कहा कि बैतुल्लाह के ज़ायरीन के लिए हज के उद्देश्यों और इसके विभिन्न पहलुओं की समझ इस महान फ़र्ज़ की सही अदायगी की बुनियाद है। उन्होंने कहा कि हज से जुड़ी कई आयतों में "नास" (लोग) शब्द का इस्तेमाल यह दर्शाता है कि अल्लाह ने यह फ़र्ज़ सिर्फ़ मुसलमानों के लिए नहीं, बल्कि पूरी मानवता के मामलों के प्रबंधन के लिए निर्धारित किया है। इसलिए, हज का सही आयोजन वास्तव में पूरी मानवता की सेवा है।  
04/05/2025
हज की शक्ल, कुछ लोगों की कोशिशों, बातों और रवैये के विपरीत जैसा कि वे अपनी बातों से इस संबंध में संदेह पैदा करते हैं, सियासी शक्ल है।  
04/05/2025
इस्लामी क्रान्ति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 4 मई 2025 को हज के मामलों के ज़िम्मेदारों व कार्यकर्ताओं और कुछ हज यात्रियों से मुलाक़ात की और हज की प्रकृति और उसमें निहित रहस्यों पर चर्चा की तथा कुछ निर्देश दिये।(1) स्पीच इस प्रकार है:
16/06/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने इस साल के हज को 'बराअत' का हज क़रार दिया है, उनकी इस पहल का पाकिस्तान के मशहूर धर्मगुरू व टीकाकार अमीन शहीदी ने जायज़ा लिया। 
15/06/2024
हज पर जाने वालों के नाम इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई का पैग़ामः
15/06/2024
ज़ायोनी सरकार और अमरीका से 'बराअत' हज से आगे बढ़कर हर मुसलमान की ओर से होनी चाहिए।
15/06/2024
हज ने इस्लाम के मानव संसाधन की व्यापकता और उसके आध्यात्मिक पहलू की ताक़त को अपनों और ग़ैरों के सामने नुमायां कर दिया है।
15/06/2024
मन को आनंदित करने वाली हज़रत इब्राहीम की आवाज़ ने, जो अल्लाह के हुक्म से हर दौर के सभी मुसलमानों को हज के मौक़े पर काबे की ओर बुलाती है, इस साल भी पूरी दुनिया के बहुत से मुसलमानों के दिलों को तौहीद व एकता के इस केन्द्र की ओर सम्मोहित कर दिया है। 
15/06/2024
हज ने लोगों की इस शानदार व विविधता से भरी सभा को वजूद प्रदान किया है और इस्लाम के मानव संसाधन की व्यापकता और उसके आध्यात्मिक पहलू की ताक़त को अपनों और ग़ैरों के सामने नुमायां कर दिया है।
15/06/2024
हज के विशाल समूह और इसकी जटिल क्रियाओं को जब भी ग़ौर व फ़िक्र की नज़र से देखा जाए, वह मुसलमानों के लिए दिल की मज़बूती और इतमीनान का स्रोत है और दुश्मन व बुरा चाहने वालों के लिए ख़ौफ़, भय व रोब का सबब हैं।
15/06/2024
अगर इस्लामी जगत के दुश्मन व बुरा चाहने वाले, हज के फ़रीज़े के इन दोनों पहलुओं को ख़राब करने और उन्हें संदिग्ध बनाने की कोशिश करें, चाहे धार्मिक व राजनैतिक मतभेदों को बड़ा दिखाकर और चाहे इनके पाकीज़ा व आध्यात्मिक पहलुओं को कम करके, तो हैरत की बात नहीं है।
15/06/2024
फ़िलिस्तीनी और ग़ज़ा में मुसलमानों पर हो रहे बेइन्तेहा ज़ुल्म पर मेलबर्न के इमामे जुमा से इंटरव्यू
15/06/2024
क़ुरआन मजीद हज को बंदगी, ज़िक्र और विनम्रता का प्रतीक, इंसानों की समान प्रतिष्ठा का प्रतीक, इंसान की भौतिक व आध्यात्मिक ज़िंदगी की बेहतरी का प्रतीक, बरकत व मार्गदर्शन का प्रतीक, अख़लाक़ी सुकून और भाइयों के बीच व्यवहारिक मेल-जोल का प्रतीक और दुश्मनों के मुक़ाबले में ‘बराअत’ और बेज़ारी तथा ताक़तवर मोर्चाबंदी का प्रतीक बताता है। 
15/06/2024
हज अदा करने वाले आप भाई और बहन इस वक़्त इन रौशन हक़ीक़तों और शिक्षाओं के अभ्यास के मैदान में हैं।
15/06/2024
अपनी सोच और अपने अमल को इसके क़रीब से क़रीबतर कीजिए और इन उच्च अर्थों से मिश्रित और नए सिरे से हासिल हुयी पहचान के साथ घर आइये। यह आपके हज के सफ़र की हक़ीक़ी व मूल्यवान सौग़ात है।
15/06/2024
इस साल ‘बराअत’ का विषय, विगत से ज़्यादा नुमायां है। ग़ज़ा की त्रासदी ऐसी है कि हमारे समकालीन इतिहास में इस जैसी कोई और त्रासदी नहीं है और बेरहम व संगदिल तथा बर्बरता की प्रतीक और साथ ही पतन की ओर बढ़ रही ज़ायोनी सरकार की गुस्ताख़ियों ने किसी भी मुसलमान शख़्स, संगठन, सरकार और संप्रदाय के लिए किसी भी तरह की रवादारी की गुंजाइश नहीं छोड़ी है।
15/06/2024
फ़िलिस्तीन और ग़ज़ा के साबिर व मज़लूम अवाम के फ़ौलादी प्रतिरोध को, जिनके सब्र और दृढ़ता ने दुनिया को उनकी तारीफ़ और सम्मान पर मजबूर कर दिया है, हर ओर से सपोर्ट मिलना चाहिए।
13/06/2024
पूरे हज में अल्लाह का ज़िक्र है, अल्लाह की याद है। यह ज़िक्र, ज़िंदगी का स्रोत है, इसका हमारी ज़िंदगी पर, हमारे इरादे पर, हमारे संकल्प पर, हमारे बड़े बड़े फ़ैसलों पर असर पड़ेगा।
14/06/2024
‘वलीए फ़क़ीह’ के प्रतिनिधि और ईरानी हाजियों के मामलों के सरपरस्त शनिवार को मैदाने अरफ़ात में मुशरिकों से ‘बराअत’ के प्रोग्राम में मोहतरम हाजियों के नाम रहबरे इंक़ेलाब का मुकम्मल पैग़ाम जारी करेंगे।
13/05/2024
इस साल हमारा हज ख़ास तौर पर बराअत का हज है... इसकी वजह इन दिनों ग़ज़ा और फ़िलिस्तीन में होने वाली घटनाएं हैं। इमाम ख़ामेनेई 06/05/2024
08/05/2024
इस्लाम के सबसे ख़ूबसूरत आध्यात्मिक दृष्यों में से एक, मस्जिदुन नबी में क़ुरआन की तिलावत है, मस्जिद और क़ुरआन एक साथ, काबा और क़ुरआन एक साथ, यह बहुत ही सुंदर संगम है।
07/05/2024
हज़रत इब्राहीम ने जो शिक्षाएं हमें दी हैं उनके मुताबिक़ इस साल का हज बेज़ारी के एलान का हज है। पश्चिमी कल्चर से निकलने वाले ख़ूंख़ार वजूद से बेज़ारी का एलान जिसने ग़ज़ा में अपराध किए।
06/05/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने हज के लिए क़ाफ़िलों के रवाना होने से कुछ दिन पहले सोमवार की सुबह, हज संस्था के प्रबंधकों और कुछ हाजियों से मुलाक़ात की।
06/05/2024
हज संस्था के अधिकारियों और कर्मचारियों ने सोमवार की सुबह इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से तेहरान में मुलाक़ात की।
06/05/2024
और लोगों में हज का एलान कर दो (सूरए हज, आयत-27) हज संस्था के अधिकारियों से मुलाक़ात के स्थान पर क़ुरआन की आयत 06/05/2024
06/05/2024
हज़रत इब्राहीम की शिक्षाओं की बुनियाद पर इस साल का हज ख़ास तौर पर बराअत का हज है, क्योंकि एक तरफ़ ख़ूंख़ार ज़ायोनी है तो दूसरी ओर ग़ज़ा के मुसलमान अवाम का इतनी मज़लूमियत के साथ प्रतिरोध है।
06/05/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 6 मई 2024 को हज संस्था के अधिकारियों, सदस्यों और हज के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं से मुलाक़ात में हज के विषय पर अहम गुफ़तगू की और ग़ज़ा पर ज़ायोनियों के हमलों के परिप्रेक्ष्य में मुसलमानों की ज़िम्मेदारियों को रेखांकित किया। (1)
03/07/2023
साम्राज्यवादी ताक़तें मुसलमानों की एकता और नौजवान नस्ल की दीनदारी की विरोधी हैं और जिस तरह भी मुमकिन हो उस पर हमले करती हैं। हमारा और सारी क़ौमों का फ़र्ज़ इस अमरीकी व ज़ायोनी साज़िश का मज़बूती से मुक़ाबला करना है। इमाम ख़ामेनेई 25 जून 2023
02/07/2023
#हज के अमल से रूहानियत और अख़लाक़ का सबक़ लेना चाहिए। रूहानियत दीनी अख़लाक़ की बुलंदी का नाम है। दीन से ख़ाली अख़लाक़ की जादूगरी का अंजाम, जिसका पश्चिमी विचारकों के ज़रिए मुद्दतों प्रचार किया जाता रहा, पश्चिम की यही अख़लाक़ी गिरावट है जिसे रोकना मुमकिन नहीं। इमाम ख़ामेनेई 25 जून 2023
01/07/2023
हज अमली तौर पर दिखा देता है कि नस्ली भेदभाव, इलाक़ाई भेदभाव, तबकों के बीच भेदभाव, इन्हें क़ुबूल नहीं करता, यह बहुत अहम प्वाइंट है। आज वह मुल्क जो सिविलाइज़्ड होने का दावा करते हैं, मेरी नज़र में, तहज़ीब से दूर का भी उनका नाता नहीं रहा है।
01/07/2023
रूहानियत का मतलब दीनी अख़लाक़ियात की बुलंदी है। धर्म को नकारते हुए नैतिकता को अपनाने की भ्रामक सोच का अंजाम, जिसका लंबे समय तक पश्चिम के वैचारिक हल्क़े प्रचार करते रहे, पश्मिच में अख़लाक़ का तेज़ पतन है जिसे सारी दुनिया देख रही है। रूहानियत और अख़लाक़ हज में अंजाम दिए जाने वाले अमल से, (हज के विशेष लेबास) अहराम की सादगी से, निराधार भेदभाव को नकारने से, (और तंगदस्त मोहताज को खाना खिलाओ की सीख) से, (हज के दौरान कोई शहवत वाला अमल, कोई बुरा अमल और कोई लड़ाई झगड़ा न हो की तालीम) से, तौहीद के मरकज़ के गिर्द पूरी उम्मत के तवाफ़ से, शैतान को कंकरियां मारने से और मुशरिकों से बेज़ारी के एलान से सीखना चाहिए। इमाम ख़ामेनेई 25 जून 2023
01/07/2023
हज के पैग़ाम का एक अस्ली स्तंभ मुसलमानों की एकता है। यानी सियासी व कल्चरल मैदान की अहम हस्तियां #पहले_विश्व_युद्ध के बाद पश्चिमी सरकारों के हाथों पश्चिमी एशिया के राजनैतिक और भौगोलिक विभाजन के कड़वे अनुभव को दोहराने की अनुमति न दें। इमाम ख़ामेनेई 25 जून 2023
28/06/2023
हज, आज और कल के इंसान की अख़लाक़ी गिरावट के लिए साम्राज्यवाद और ज़ायोनीवाद की तरफ़ से रची गई सभी साज़िशों को नाकाम और बेअसर बना सकता है। आलमी सतह पर यह असर डालने के लिए ज़रूरी शर्त यह है कि मुसलमान पहले क़दम के तौर पर हज के हयात-बख़्श पैग़ाम को पहले ख़ुद सही तरीक़े से सुनें और उस पर अमल करने में कोई कसर न छोड़ें।