अरबईन के पैदल मार्च से इस्लाम को ताक़त मिलती है। यह हक़ की ताक़त है। यह इस्लामी प्रतिरोध मोर्चे की ताक़त है जिसकी वजह से दसियों लाख ज़ायरीन कर्बला की ओर, इमाम हुसैन की ओर जो प्रतिष्ठा, क़ुरबानी और शहादत की आख़िरी मंज़िल पर हैं, चल पड़ते हैं।
इमाम ख़ामेनई
Oct 13, 2019
पवित्र प्रतिरक्षा के शहीदों और मुजाहेदीन की निष्ठापूर्ण क़ुरबानियां ईरानी जनता के लिए विजय और सफलता का उपहार लेकर आईं और उनके ख़ून से इतिहास में इस्लामी गणराज्य की सत्यता दर्ज हो गई।
यह मुजाहेदीन का बड़ा सबक़ हैः जहां निष्ठापूर्ण संघर्ष होगा विजय और सरबुलंदी मिलेगी।
इमाम ख़ामेनई
अगर आशूर क़ुरबानी के ज़रिए जेहाद का चरम बिंदु है तो यह चालीस दिन बयान के ज़रिए जेहाद का चरम बिंदु हैं।
पैग़म्बर के ख़ानदान के आंदोलन ने कर्बला की घटना को अमर कर दिया। यह बयान उस क़ुरबानी को मुकम्मल करने वाली कड़ी है।
इमाम ख़ामेनई
Sept 27, 2021