पैग़म्बरे इस्लाम का उठना बैठना ग़ुलामों के साथ रहता था। उनके साथ खाना खाते थे। बहुत मामूली कपड़े पहनते थे। जो खाना मौजूद होता वही खाते, किसी भी खाने को नापसंद नहीं करते थे। पूरे मानव इतिहास में यह विशेषताएं बेजोड़ हैं। इमाम ख़ामेनई  Sept 27, 1991
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