मेन कंटेन्ट पर जाइए
नज़रिया
ज़्यादा पूछे जाने वाले सवाल
लेख
इंटरव्यू
मल्टीमीडिया
इन्फ़ोग्राफ़
फ़ोटो कोट
तस्वीरें
पोस्टर
वीडियोज़
रील्ज़
लाइब्रेरी
आयतुल्लाह ख़ामेनई की किताबें
विश्व साहित्य
फ़तवा
बायोग्राफ़ी
आयतुल्लाह ख़ामेनई
यादें
इमाम ख़ुमैनी
ख़बरें
पैग़ाम
हज का पैग़ाम
पैग़ाम और पत्र
तक़रीर
सारांश
मुकम्मल तक़रीर
English
Français
Español
Русский
हिंदी
Azəri
العربية
اردو
فارسی
Toggle navigation
पहला पन्ना
ख़बरें
तक़रीर
पैग़ाम
बायोग्राफ़ी
नज़रिया
मल्टीमीडिया
लाइब्रेरी
फ़तवा
February 2, 2025
मल्टीमीडिया
इन्फ़ोग्राफ़
फ़ोटो कोट
तस्वीरें
पोस्टर
वीडियोज़
रील्ज़
आशूरा से अरबईन तक चालीस दिन इस्लामी इतिहास का महत्वपूर्ण दौर है।
अगर आशूर क़ुरबानी के ज़रिए जेहाद का चरम बिंदु है तो यह चालीस दिन बयान के ज़रिए जेहाद का चरम बिंदु हैं। पैग़म्बर के ख़ानदान के आंदोलन ने कर्बला की घटना को अमर कर दिया। यह बयान उस क़ुरबानी को मुकम्मल करने वाली कड़ी है। इमाम ख़ामेनई Sept 27, 2021