दर्जनों देशों से लोग अरबईन मार्च में हिस्सा लेते हैं और इराक़ियों के मेहमान बनते हैं। हमारी कोशिश यह होना चाहिए कि मुस्लिम भाइयों के रिश्ते इस पैदल ज़ियारत की मदद से और भी मज़बूत हों। इराक़ियों और ग़ैर इराक़ियों का रिश्ता, शिया सुन्नी का रिश्ता, अरब, फ़ार्स, तुर्क और कुर्द जातियों का रिश्ता, यह रिश्ते ख़ुश नसीबी की गैरेंटी हैं। यह रिश्ते अल्लाह की रहमत की निशानी हैं। दुश्मन की कोशिश फूट डालने की थी लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाया और अल्लाह के करम से वह आगे भी सफल नहीं होगा। यह रिश्ता और संपर्क जिस चीज़ ने पैदा किया है वह अल्लाह पर ईमान है, पैग़म्बर और उनके ख़ानदान से मुहब्बत है, इमाम हुसैन से मुहब्बत है।
इमाम ख़ामेनई
Sept 18, 2019