हुज्जतुल इस्लाम वलमुस्लेमीन जनाब सैयद मोहम्मद बाक़िर तबातबाई नेजाद ने मजलिस पढ़ी। उन्होंने मजलिस में, सत्य और हक़ीक़त के मार्ग से व्यक्ति और समाज के दूरे होने वाले तत्वों को बयान किया।

जनाब महदी रसूली ने हज़रत ज़हरा की शान का नौहा और मर्सिया पढ़ा।