इस मजलिस (शोकसभा) में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मशहूर क़ारी हुसैन फ़रदी ने पहले क़ुरआन मजीद ‎की तिलावत की जिसके बाद मशहूर वक्ता हुज्जतुल इस्लाम सिद्दीक़ी ने मजलिस पढ़ी। इसी तरह ‎जनाब मोहम्मद रज़ा ताहेरी ने हज़रत फ़ातेमा ज़हरा का मर्सिया और नौहा पढ़ा। ‎क़ाबिले ज़िक्र है कि कोरोना की बीमारी में कमी आने के बावजूद, हेल्थ प्रोटोकॉल पर अमल के ‎मद्देनज़र, तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में आयोजित होने वाले इस प्रोग्राम में, बड़ी तादाद में ‎लोगों की शिरक़त मुमकिन नहीं है, बल्कि शहीदों के फ़ैमिली मेम्बर्स सहित सीमित तादाद में लोग ‎शरीक हो रहे हैं।