सवालः किसी नशिस्त मैं जैसे मस्जिद या इमामबाड़े में जब हम पहुंचे जहाँ सभी लोग क़ुरआन पढ़ने या नमाज़ वग़ैरह में मशग़ूल हों, क्या उनको सलाम करना मुस्तहब है?
जवाबः हर हाल में सलाम करना मुस्तहब है (और इस सलाम पर एक आदमी का जवाब देना काफ़ी है) लेकिन जो शख़्स नमाज़ पढ़ रहा हो, उसे सलाम करना मकरूह है।