ख़ातून, फ़ैमिली को चलाने वाली है। ख़ातून, फ़ैमिली में सेंटर प्वाइंट की तरह है। ख़ातून के सभी कामों में सबसे ज़्यादा अहम माँ होना, बीवी होना और सुकून पैदा करना है। और फिर उसकी जिन्स से उसका जोड़ा (शरीके हयात) बनाया ताकि वह (उसकी रिफ़ाक़त में) सुकून हासिल करे। (सूरए आराफ़-189) वह सुकून व इत्मेनान का ज़रिया है; इस्लाम में बीवी की यह ख़ूबियां हैं ... मैं मोहतरम ईरानी, मुसलमान व मोमिन औरतों को ताकीद करता हूं कि इस्लाम व क़ुरआन की इन तालीमात की हिफ़ाज़त करें। दिन ब दिन इन्हें और ज़्यादा सीखें, फ़ुज़ूलख़र्ची, नकारात्मक देखा-देखी, नकारात्मक कम्पटीशन, और पश्चिम की गुमराह औरतों को आइडियल बनाने से परहेज़ करें। अपनी ओर से चौकन्ना रहें। मुसलमान औरत का आज हमारे मुल्क में फ़ख़्र से सर बुलंद है। ईरानी औरत को यह ख़ुसूसियत हासिल है कि उसकी आज़ाद कल्चरल पहचान है और वह दूसरों का असर नहीं लेती। इस चीज़ की अपने वजूद में हिफ़ाज़त कीजिए।
इमाम ख़ामेनेई
8/3/2018