कभी कभी मर्द अपनी ज़िन्दगी के कामों में ऐसे दोराहे पर पहुंच जाता है कि या तो दुनिया को चुने या ईमानदारी और सच्चाई के रास्ते को। इन दो में से एक को चयन करना है। यही वह जगह है जहाँ बीवी, मियां को पहली राह या दूसरी राह की ओर खींच सकती है। बिलकुल ऐसी ही दूसरी तरफ़ भी है। मियां भी बीवियों की ज़िन्दगी में इस तरह का असर डाल सकते हैं। आपस में इसी तौर पर रहने की कोशिश कीजिए। दोनों कोशिश करें अल्लाह की राह में, इस्लाम की राह में, सत्य की राह में, ईमानदारी और सच्चाई की राह में, धर्म का पालन करें और गुमराही या ग़लत राह की स्थिति में एक दूसरे को रोकें। इमाम ख़ामेनेई 11/03/2001
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