इंटरनेट और सोशल मीडिया पर ना महरम से चैट करने का क्या हुक्म है?
ना महरम से किसी भी तरह का राबेता जैसे चैट, एसएमएस, टेलीफ़ोन या रूबरू गुफ़तुगू अगर गुनाह की आशंका हो, (गुफ़तुगू के दौरान गुनाह हो रहा हो या गुफ़तुगू के नतीजे में गुनाह में पड़ने की आशंका हो) तो हराम और गुनाह है। हर बालिग़ के लिए वाजिब है कि जब सिन्फ़े मुख़ालिफ़ (औरत का मर्द से और मर्द का औरत से) कोई राबेता हो तो शरीयत के नियमों का ख़याल रखे और हर उस अमल से परहेज़ करे जिस में जिन्सी लज़्ज़त शामिल हो या गुनाह में पड़ने की आशंका हो।