कुछ लोग अपने ग़ैर पुख़्ता और ग़लत प्रस्तावों से देश की #राष्ट्रीय_ताक़त के कुछ बाज़ुओं को काट देना चाहते थे। अगर यह होने दिया जाता तो आज #ईरान को बहुत बड़े ख़तरों का सामना करना पड़ता मगर अल्लाह के इरादे और इनायत से इन प्रस्तावों पर अमल करने की संभावना ही ख़त्म हो गई।
इमाम ख़ामेनेई
10 मार्च 2022
#पाबंदियों की मार से बचने के लिए #अमरीका या किसी भी ताक़त से दब जाना बहुत बड़ी भूल और अपनी सियासी ताक़त पर वार है। इससे ज़्यादा बचकाना और नासमझी वाला कोई प्रस्ताव नहीं हो सकता कि दुश्मन को ग़ुस्सा दिलाने से बचने के लिए हमें अपनी रक्षा शक्ति सीमित कर देनी चाहिए।
इमाम ख़ामेनेई
10 मार्च 2022
क्षेत्रीय रोल को ख़त्म या न्युक्लियर मैदान में साइंसी प्रगति को रोक देने का प्रस्ताव हमारी राष्ट्रीय ताक़त पर वार है। क्षेत्रीय रोल हमें स्ट्रैटेजिक गहराई और अधिक राष्ट्रीय ताक़त प्रदान करता है और एटमी मैदान में साइंसी प्रगति भविष्य में मुल्क को पेश आने वाली ज़रूरत को पूरा करने का ज़रिया है।
इमाम ख़ामेनेई
10 मार्च 2022
इस्लामी इंक़ेलाब के लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 12 मार्च 2022 को असेंबली ऑफ़ एक्सपर्ट्स के मेंबरों के बीच बड़ा अहम ख़िताब किया। सुप्रीम लीडर ने अपने संबोधन में ताज़ा हालात की चर्चा की। (1)
आयतुल्लाह ख़ामेनेई की स्पीच पेश हैः
आज दुनिया में माडर्न जाहेलियत, भेदभाव, ज़ुल्म और संकट को जन्म देने की तसवीर अमरीका है। दरअस्ल अमरीकी सरकार संकटजनक और संकटजीवी सरकार है जो दुनिया भर में तरह तरह के संकटों से अपनी आजीविका हासिल करती है। #यूक्रेन इसी सियासत की भेंट चढ़ गया।
इमाम ख़ामेनेई
1 मार्च 2022
अमरीका माफ़ियाई सरकार है। सियासी माफ़िया, आर्थिक माफ़िया वग़ैरा के हाथ में बागडोर है जो राष्ट्रपतियों को सत्ता में लाते हैं। वे दुनिया में संकट पैदा करते हैं ताकि ज़्यादा फ़ायदा हासिल करें: दाइश का मसला, यूक्रेन संकट। वे सीरिया का तेल चुराते हैं, अफ़ग़ान अवाम का पैसा चोरी करते हैं।
इमाम ख़ामेनेई
1 मार्च 2022
अमरीका ने #यूक्रेन को इस हालत में पहुंचाया है। अमरीका ने इस मुल्क के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करके, रंगीन विद्रोह करवाकर, एक सरकार को हटाने और दूसरी को सत्ता में लाने का सिलसिला शुरू करके यूक्रेन की यह हालत कर दी।
इमाम ख़ामेनेई
1 मार्च 2022
यूक्रेन के हालात से दो सबक़ मिलते हैं: जो सरकारें अमरीका और यूरोप से मदद की आस लगाए बैठी हैं जान लें कि यह मदद फ़रेब है हक़ीक़त नहीं। आज #यूक्रेन कल #अफ़ग़ानिस्तान। दोनों मुल्कों के राष्ट्रपतियों ने कहा कि हमने अमरीका और पश्चिम पर भरोसा किया और उन्होंने हमें बेसहारा छोड़ दिया।
इमाम ख़ामेनेई
1 मार्च 2022
#यूक्रेन में ईरान युद्ध विराम का तरफ़दार है। हम चाहते हैं कि वहां जंग ख़त्म हो जाए लेकिन किसी भी संकट का हल तभी मुमकिन है जब उसकी जड़ों को पहिचान लिया जाए। यूक्रेन संकट की जड़ अमरीका की संकटजनक नीतिया हैं और यूक्रेन इन्हीं नीतियों की भेंट चढ़ गया।
इमाम ख़ामेनेई
1 मार्च 2022
सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने तबरेज़ के अवाम के 29 बहमन 1356 हिजरी शम्सी बराबर 18 फ़रवरी सन 1978 के आंदोलन की सालगिरह के मौक़े पर गुरूवार 17 फ़वरी 2022 की सुबह पूर्वी आज़बाइजान प्रांत के अवाम को वीडियो लिंक के ज़रिए संबोधित किया। उन्होंने तबरेज़ के अवाम के आंदोलन को पूरी ईरानी क़ौम के आंदोलन की अहम कड़ी और इस्लामी क्रांति की कामयाबी का भूमिका क़रार दिया।
स्पीच का हिंदी अनुवाद पेश है,
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेईः “किसी ने कहा था कि ‘शहीद सुलैमानी’ दुश्मनों के लिए ‘जनरल सुलैमानी’ से ज़्यादा ख़तरनाक हैं। उसने बिल्कुल सही समझा। अमरीका की हालत आप देखिए! अफ़ग़ानिस्तान से फ़रार होता है, इराक़ से बाहर निकलने का दिखावा करने पर मजबूर है। यमन और लेबनान को देखिए। शाम में भी धराशायी हो चुका है।”
1 जनवरी 2022
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने क़ुम वासियों के ऐतिहासिक आंदोलन की सालगिरह पर क़ुम के अवाम की सभा को विडियो लिंक के ज़रिए संबोधित किया। इस मौक़े पर सुप्रीम लीडर की स्पीच टीवी व रेडियो चैनलों से लाइव टेलीकास्ट हुयी।
19 देय 1356 बराबर 9 जनवरी 1978 क़ुम के अवाम के ऐतिहासिक आंदोलन की आज सालगिरह है।
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने क़ुम वासियों के ऐतिहासिक आंदोलन की सालगिरह पर क़ुम के अवाम की सभा को विडियो लिंक के ज़रिए संबोधित किया। 19 देय 1356 बराबर 9 जनवरी 1978 क़ुम के अवाम के ऐतिहासिक आंदोलन का दिन है।
सुप्रीम लीडर ने 9 जनवरी 2022 के अपने भाषण में ऐसी ऐतिहासिक घटनाओं की याद को बाक़ी रखना ज़रूरी बताया जिसमें आने वाली नस्लों के लिए गहरे संदेश छिपे हुए हैं। उन्होंने अपने भाषण में बड़े महत्वपूर्ण राष्ट्रीय व क्षेत्रीय मुद्दों पर प्रकाश डाला।
ईरान की पासदाराने इंक़ेलाब फ़ोर्स ने फ़िलहाल एक जवाबी वार किया और अमरीकी छावनी को अपने मिसाइलों से तबाह कर दिया, ज़ालिम और अहंकारी हुकूमत की अकड़ और इज़्ज़त मिट्टी में मिला दी जबकि उसको दी जाने वाली असली सज़ा इलाक़े से उसकी बेदख़ली है।
इमाम ख़ामेनेई
17 जनवरी 2020
देश भर में इंतेक़ाम की जो मांग जनता की ओर से की गई, यह आवाज़ हक़ीक़त में उन मीज़ाइलों का ईंधन बनी जिन्होंने अमरीकी छावनी को तहस-नहस कर दिया। यह उसकी इज़्ज़त पर चोट थी, अमरीका की दहशत पर चोट थी, इस चोट की भरपाई किसी भी चीज़ से नहीं की जा सकती।
इमाम ख़ामेनेई
17 जनवरी 2020
इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 1 जनवरी 2022 की सुबह शहीद क़ासिम सुलैमानी की बर्सी के प्रोग्रामों का आयोजन करने वाली कमेटी और शहीद के परिवार के लोगों से मुलाक़ात में सच्चाई और ख़ुलूस को सुलैमानी विचारधारा का निचोड़, प्रतीक और शिनाख़्त बताया और इलाक़े के युवाओं की नज़र में शहीद सुलैमानी के एक आइडियल की हैसियत अख़तियार कर लेने का हवाला देते हुए कहा कि प्रिय क़ासिम सुलैमानी ईरान की सबसे बड़ी राष्ट्रप्रेमी और इस्लामी जगत की सबसे बड़ी उम्मत प्रेमी हस्ती थे और हैं।(1)