26/08/2024
आयतुल्लाह ख़ामेनेईः "आज के दौर में जब इस्लाम के दुश्मन और इस्लामी उम्मत के दुश्मन अनेक तरह के संसाधनों से, पैसे से, राजनीति के ज़रिए, हथियारों से इस्लामी जगत के ख़िलाफ़ सरगर्म हैं, अल्लाह अचनाक अरबईन की रैली को इस तरह अज़मत देता है, इस तरह उसका जलवा दिखाता है। यह अल्लाह की अज़ीम निशानी है, यह अल्लाह के इस्लामी उम्मत की मदद करने के इरादे की निशानी है, यह इस बात की निशानी है कि अल्लाह ने इस्लामी उम्मत की मदद करने का इरादा कर लिया है।" 18 सितंबर 2019
26/08/2024
ज़ियारत के वक़्त इमाम के मौजूद होने का एहसास होना और इमामों की ओर से जिन ज़ियारतों को पढ़ने की सिफ़ारिश की गयी है उन्हें पढ़ना जैसे जामए कबीरा और ज़ियारत अमीनुल्लाह वग़ैरह।
26/08/2024
आज दुनिया कुफ़्र और साम्राज्यवाद के प्रभुत्व, भ्रष्टाचार के प्रभुत्व, ज़ुल्म के प्रभुत्व को देख रही है; इमाम हुसैन का संदेश, दुनिया की नजात का संदेश है।
25/08/2024
इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के चेहलुम के मौक़े पर स्टुडेंट अंजुमनों ने इमाम ख़ुमैनी इमाम बारगाह में अज़ादारी की। इस प्रोग्राम के आग़ाज़ में ज़ियारते अरबईन पढ़ी गई। इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की अज़ादारी के प्रोग्राम में रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई भी शरीक हुए।
25/08/2024
इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के अर्बईन के मौक़े पर तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में स्टूडेंट अंजुमनों ने इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की अज़ादारी का प्रोग्राम आयोजित किया जिसमें इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने भी शिरकत की।
25/08/2024
पश्चिम वाले इस ठाठें मारते जलस्रोत से, बुरी तरह घबरा गए हैं; वे समीक्षा नहीं कर सकते; वे इस अमल को समझ नहीं सकते।
25/08/2024
हुसैनी मोर्चे और यज़ीदी मोर्चे के बीच लड़ाई जारी है, इसकी वजह ज़ुल्म है। यह हुसैनी मोर्चा है जो ज़ुल्म के मुक़ाबले में काम करता है, जेहाद करता है।
25/08/2024
रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के चेहलुम के दिन 25 अगस्त 2024 को इमाम ख़ुमैनी इमाम बारगाह में अज़ादारी के लिए एकत्रित होने वाली छात्र अंजुमनों की अज़ादारी के प्रोग्राम के बाद ज़ोहर और अस्र की नमाज़ पढ़ाई और दोनों नमाज़ों के बीच में संक्षिप्त तक़रीर की। (1)
24/08/2024
बहुत सी पाक घटनाओं की तरह कि जनकी व्याख्या नहीं की जा सकती; इस घटना की समीक्षा नहीं की जा सकती।
23/08/2024
इमाम हुसैन (अलैहिस्सलाम) पूरी इंसानियत के हैं। हम शिया गर्व करते हैं कि हम इमाम हुसैन के अनुयायी हैं, लेकिन इमाम हुसैन सिर्फ़ हमारे नहीं हैं। इस्लामी मत, चाहे शिया हों या सुन्नी, सभी इमाम हुसैन के परचम की छाया में हैं। इस अज़ीम (अरबईन) मार्च में यहाँ तक कि वे लोग भी जो इस्लाम पर अमल नहीं करते, शिरकत करते हैं और यह सिलसिला चलता रहेगा इंशाअल्लाह, यह एक अज़ीम निशानी है जो अल्लाह दिखा रहा है। इमाम ख़ामेनेई 18 सितंबर 2019
22/08/2024
न सिर्फ़ हमारे दौर में दुनिया में बल्कि इतिहास में भी इस बात का कोई चिन्ह नहीं है कि इमाम हुसैन के अर्बईन जैसा कोई इज्तेमा, हर साल पिछले साल की तुलना में ज़्यादा गर्मजोशी से अंजाम पाता हो।
31/07/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने मंगलवार 30 जुलाई 2024 की शाम को इराक़ी प्रधान मंत्री जनाब मोहम्मद अलशिया अस्सूदानी और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल से मुलाक़ात में करोड़ों लोगों की शिरकत से अर्बईन मार्च के पसंदीदा व शानदार आयोजन की राह समतल करने के लिए इराक़ी अवाम और सरकार की ओर से की जाने वाली कोशिशों और उठाई जाने वाली ज़हमतों की सराहना की। 
07/09/2023
ईरानी क़ौम अपने पूरे वजूद से आप अज़ीज़ इराक़ी भाइयों की शुक्रगुज़ार है, ख़ास तौर पर अर्बईन पर मौकिब के मालिकों के शुक्रगुज़ार हैं। हम दिल की गहराई से शुक्रिया अदा करते हैं।
06/09/2023
रास्ते में बने मौकिबों में आप अज़ीज़ इराक़ी भाइयों के सुलूक के बारे में, हुसैनी ज़ायरों से आपके दानशीलता के बर्ताव के बारे में हमें जो सूचनाएं मिलती हैं वो ऐसी चीज़ें हैं जिनकी कोई नज़ीर नहीं है।
06/09/2023
इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में इमाम हुसैन के अरबईन की अज़ादारी हुई। छात्रों के इस कार्यक्रम में रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने भी शिरकत की और इस मौक़े पर अपने ख़िताब में मजलिस और अज़ादारी को हुसैनी रूहानियत और नूर से संपर्क का ज़रिया बताया और कहा कि इस संपर्क को क़ायम रखना चाहिए।
05/09/2023
आज भी जब पेचीदा दुनिया में इंसानियत पर उत्तेजक शोर और प्रोपैगंडा छाया हुआ है, अर्बईन का यह आंदोलन दूर दूर तक पहुंचने वाली आवाज़ और बेमिसाल मीडिया बन गया है। बेमिसाल मीडिया है।
04/09/2023
आज इस्लामी जगत ताक़त की एक मिसाल को देख रहा है और वह अर्बईन मार्च है। अर्बईन मार्च इस्लाम की ताक़त है, सत्य की ताक़त है, इस्लामी प्रतिरोध मोर्चे की ताक़त है।
03/09/2023
अर्बईन इस अमल के साथ जो मुख्य रूप से नजफ़ से कर्बला के बीच पैदल मार्च की शक्ल में अंजाम पाता है, एक विश्वव्यापी विषय बन चुका है।
29/08/2023
इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की ज़ियारत में आने जाने में जो दिन लगते हैं, वो ज़ायर की उम्र के दिनों में नहीं गिने जाते। इमाम ख़ामेनेई 23/09/2019
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