आयतुल्लाह ख़ामेनेईः "आज के दौर में जब इस्लाम के दुश्मन और इस्लामी उम्मत के दुश्मन अनेक तरह के संसाधनों से, पैसे से, राजनीति के ज़रिए, हथियारों से इस्लामी जगत के ख़िलाफ़ सरगर्म हैं, अल्लाह अचनाक अरबईन की रैली को इस तरह अज़मत देता है, इस तरह उसका जलवा दिखाता है। यह अल्लाह की अज़ीम निशानी है, यह अल्लाह के इस्लामी उम्मत की मदद करने के इरादे की निशानी है, यह इस बात की निशानी है कि अल्लाह ने इस्लामी उम्मत की मदद करने का इरादा कर लिया है।"
18 सितंबर 2019
ज़ियारत के वक़्त इमाम के मौजूद होने का एहसास होना और इमामों की ओर से जिन ज़ियारतों को पढ़ने की सिफ़ारिश की गयी है उन्हें पढ़ना जैसे जामए कबीरा और ज़ियारत अमीनुल्लाह वग़ैरह।
आज दुनिया कुफ़्र और साम्राज्यवाद के प्रभुत्व, भ्रष्टाचार के प्रभुत्व, ज़ुल्म के प्रभुत्व को देख रही है; इमाम हुसैन का संदेश, दुनिया की नजात का संदेश है।
इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के चेहलुम के मौक़े पर स्टुडेंट अंजुमनों ने इमाम ख़ुमैनी इमाम बारगाह में अज़ादारी की। इस प्रोग्राम के आग़ाज़ में ज़ियारते अरबईन पढ़ी गई। इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की अज़ादारी के प्रोग्राम में रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई भी शरीक हुए।
इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के अर्बईन के मौक़े पर तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में स्टूडेंट अंजुमनों ने इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की अज़ादारी का प्रोग्राम आयोजित किया जिसमें इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने भी शिरकत की।
रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के चेहलुम के दिन 25 अगस्त 2024 को इमाम ख़ुमैनी इमाम बारगाह में अज़ादारी के लिए एकत्रित होने वाली छात्र अंजुमनों की अज़ादारी के प्रोग्राम के बाद ज़ोहर और अस्र की नमाज़ पढ़ाई और दोनों नमाज़ों के बीच में संक्षिप्त तक़रीर की। (1)
इमाम हुसैन (अलैहिस्सलाम) पूरी इंसानियत के हैं। हम शिया गर्व करते हैं कि हम इमाम हुसैन के अनुयायी हैं, लेकिन इमाम हुसैन सिर्फ़ हमारे नहीं हैं। इस्लामी मत, चाहे शिया हों या सुन्नी, सभी इमाम हुसैन के परचम की छाया में हैं। इस अज़ीम (अरबईन) मार्च में यहाँ तक कि वे लोग भी जो इस्लाम पर अमल नहीं करते, शिरकत करते हैं और यह सिलसिला चलता रहेगा इंशाअल्लाह, यह एक अज़ीम निशानी है जो अल्लाह दिखा रहा है।
इमाम ख़ामेनेई
18 सितंबर 2019
न सिर्फ़ हमारे दौर में दुनिया में बल्कि इतिहास में भी इस बात का कोई चिन्ह नहीं है कि इमाम हुसैन के अर्बईन जैसा कोई इज्तेमा, हर साल पिछले साल की तुलना में ज़्यादा गर्मजोशी से अंजाम पाता हो।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने मंगलवार 30 जुलाई 2024 की शाम को इराक़ी प्रधान मंत्री जनाब मोहम्मद अलशिया अस्सूदानी और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल से मुलाक़ात में करोड़ों लोगों की शिरकत से अर्बईन मार्च के पसंदीदा व शानदार आयोजन की राह समतल करने के लिए इराक़ी अवाम और सरकार की ओर से की जाने वाली कोशिशों और उठाई जाने वाली ज़हमतों की सराहना की।
ईरानी क़ौम अपने पूरे वजूद से आप अज़ीज़ इराक़ी भाइयों की शुक्रगुज़ार है, ख़ास तौर पर अर्बईन पर मौकिब के मालिकों के शुक्रगुज़ार हैं। हम दिल की गहराई से शुक्रिया अदा करते हैं।
रास्ते में बने मौकिबों में आप अज़ीज़ इराक़ी भाइयों के सुलूक के बारे में, हुसैनी ज़ायरों से आपके दानशीलता के बर्ताव के बारे में हमें जो सूचनाएं मिलती हैं वो ऐसी चीज़ें हैं जिनकी कोई नज़ीर नहीं है।
इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में इमाम हुसैन के अरबईन की अज़ादारी हुई। छात्रों के इस कार्यक्रम में रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने भी शिरकत की और इस मौक़े पर अपने ख़िताब में मजलिस और अज़ादारी को हुसैनी रूहानियत और नूर से संपर्क का ज़रिया बताया और कहा कि इस संपर्क को क़ायम रखना चाहिए।
आज भी जब पेचीदा दुनिया में इंसानियत पर उत्तेजक शोर और प्रोपैगंडा छाया हुआ है, अर्बईन का यह आंदोलन दूर दूर तक पहुंचने वाली आवाज़ और बेमिसाल मीडिया बन गया है। बेमिसाल मीडिया है।
आज इस्लामी जगत ताक़त की एक मिसाल को देख रहा है और वह अर्बईन मार्च है। अर्बईन मार्च इस्लाम की ताक़त है, सत्य की ताक़त है, इस्लामी प्रतिरोध मोर्चे की ताक़त है।