मामून की इस राजैनितक व मक्कारी भरी चाल के मुक़ाबले में इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने समझदारी से भरा एक पाकीज़ा प्रोग्राम तैयार किया और साज़िश को पूरी तरह उसके विपरीत दिशा में और सत्य व सच्चाई के हित में पलट देने में कामयाब रहे।
हमारी सरज़मीन में इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के पाक रौज़े के वजूद और पूरे मुल्क और हमारे अवाम के दिलों में उनके आध्यात्मिक वजूद की बरकत पूरी तरह स्पष्ट है। आठवें इमाम अलैहिस्सलाम आध्यात्मिक, वैचारिक और भौतिक लेहाज़ से हमारी क़ौम के सरपरस्त हैं।
इमाम ख़ामेनेई
15/03/2003
हमारी सरज़मीन में इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के पाक रौज़े के वजूद और पूरे मुल्क और हमारे अवाम के दिलों में उनके आध्यात्मिक वजूद की बरकत पूरी तरह स्पष्ट है। आठवें इमाम अलैहिस्सलाम आध्यात्मिक, वैचारिक और भौतिक लेहाज़ से हमारी क़ौम के सरपरस्त हैं।
इमाम ख़ामेनेई
15/03/2003
मामून ने अपनी चालाकी से इस ख़तरे की गहराई को भांप लिया और इसकी रोकथाम में लग गया। इसी का नतीजा था कि मामून ने आठवें इमाम को मदीने से ख़ुरासान बुलाया और आपके सामने जबरन उत्तराधिकारी बनने का प्रस्ताव रखा और यह वाक़ेया हुआ जो इतिहास में अभूतपूर्व है।
इमाम ख़ामेनेई
हमारी सरज़मीं पर इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम का रौज़ा स्थित होने और मुल्क के कोने कोने और अवाम के दिलों में उनकी रूहानी मौजूदगी की बरकतें नुमायां हैं। आठवें इमाम अलैहिस्सलाम हमारी क़ौम की रूहानी, फ़िक्री और दुनियावी नेमतों का मरकज़ हैं।
इमाम रज़ा अलैहिस्सलामः जो किसी ऐसी सभा में बैठे जहां हम अहलेबैत का ज़िक्र हो रहा हो, उसका दिल उस दिन मुर्दा नहीं होगा जिस दिन दिल मुर्दा हो जाएंगे।
बेहारुल अनवार जिल्द 49 पेज 90
हम सब को इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम से यह सबक़ मिला है कि ऐ मुसलमानो! जेहाद से हरगिज़ न थको, कभी ग़ाफ़िल न हो क्योंकि दुश्मन जाग रहा है और अलग अलग शक्लों, अलग अलग भेस में, अलग अलग मेक-अप में सामने आता है। गहरी नज़र रखो, दुश्मन को पहचानो और दुश्मन से लड़ने का तरीक़ा सीखो!
इमाम ख़ामेनेई
24 नवम्बर 1984