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विलायत और इमामत की ख़ुशबू से मुअत्तर और रूहानियत से लबरेज़ इस प्रोग्राम में ज़ियारते जामेअए कबीरा और ज़ियारते अमीनुल्लाह पढ़ी गई और इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम की शहादत के दिनों की मुनासिबत से कुछ ज़ाकेरीन और मद्दाहाने अहले बैत ने अहले बैत अलैहिमुस्सलाम के फ़ज़ाएल और मसाएब पढ़े और इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम से तवस्सुल करके दुआएं मांगी गईं।
इस प्रोग्राम के तहत रहबरे इंक़ेलाबे इस्लामी आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने शहीद राष्ट्रपति हुज्जतुल इस्लाम वल मुसलमीन रईसी की क़ब्र पर जाकर फ़ातेहा ख़ानी की।