रबीउल अव्वल महीने की शुरुआत के साथ ही आठवें इमाम हज़रत अली इब्ने मूसा रज़ा अलैहिस्सलाम की ज़रीहे अतहर की सफ़ाई का रूहानी अमल, जिसे "ग़ुबार रूबी" कहा जाता है, रहबरे इंक़ेलाबे इस्लामी आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई, कुछ उलमा, इमाम रज़ा के आस्तानए अक़दस "आस्तानए क़िद्से रज़वी" के मुतवल्ली और ख़ादिमों की शिरकत से अंजाम पाया।

विलायत और इमामत की ख़ुशबू से मुअत्तर और रूहानियत से लबरेज़ इस प्रोग्राम में ज़ियारते जामेअए कबीरा और ज़ियारते अमीनुल्लाह पढ़ी गई और इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम की शहादत के दिनों की मुनासिबत से कुछ ज़ाकेरीन और मद्दाहाने अहले बैत ने अहले बैत अलैहिमुस्सलाम के फ़ज़ाएल और मसाएब पढ़े और इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम से तवस्सुल करके दुआएं मांगी गईं।

इस प्रोग्राम के तहत रहबरे इंक़ेलाबे इस्लामी आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने शहीद राष्ट्रपति हुज्जतुल इस्लाम वल मुसलमीन रईसी की क़ब्र पर जाकर फ़ातेहा ख़ानी की।