आज इस्लामी जगत को बहुत बड़ी मुश्किलों का सामना है और उन मुश्किलों का हल इस्लामी एकता है। एकता क़ुरआन का एक हुक्म है। फ़िलिस्तीन का मसला, इस्लामी जगत का सबसे अहम मसला है। अगर मुसलमान एकजुट हो जाएं, तो फ़िलिस्तीन की हालत वैसी न होगी जैसी आज हम देख रहे हैं।
इन वाक़यों से दुश्मन जिस नतीजे तक पहुंचा वह यह है कि ईरान को जंग से, सैन्य हमले से झुकाया नहीं जा सकता। सिस्टम और मुल्क की रक्षा और दुश्मन के मुक़ाबले में दृढ़ता को लेकर आज अवाम में एकता है। यह एकता उनके हमले को रोकने वाली है। वे इसे ख़त्म करना चाहते हैं। इस ओर से सावधान रहिए।
इस्लामी इंक़ेलाब की कामयाबी की सालगिरह के मौक़े और 8 फ़रवरी 1979 को एयरफ़ोर्स के कुछ कमांडरों की ओर से इमाम ख़ुमैनी की बैअत किए जाने की तारीख़ी घटना के उपलक्ष्य में आज सैकड़ों की तादाद में सेना की एयर फ़ोर्स और एयर डिफ़ेन्स इकाई के कमांडरों और जवानों ने सुप्रीम कमांडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
मुराद इस्लामी उम्मत के हितों की हिफ़ाज़त में एकता है। इस्लामी उम्मत के हित क्या हैं, किस से दुश्मनी और किस से दोस्ती रखना है, इस बारे में आपसी बातचीत से सहमति बने। इससे मुराद हैः साम्राज्यवाद की साज़िशों के मुक़ाबले में एकजुट कोशिश।
इमाम ख़ामेनेई
12 अकतूबर 2022
मुसलमानों की एकता निश्चित क़ुरआनी कर्तव्य है। मुसलमानों की एकता टैक्टिकल चीज़ नहीं कि कोई सोचे कि ख़ास हालात के कारण हम एकजुट हो जाएं। नहीं! यह सैद्धांतिक विषय है। मुसलमानों का आपसी सहयोग ज़रूरी है। मुसलमान एकजुट रहेंगे तो एक दूसरे की मदद करेंगे और सब ताक़तवर बनेंगे।
इमाम ख़ामेनई
24 अक्तूबर 2021
24 अक्तूबर 2021 को इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने इस मुलाक़ात में पैग़म्बरे इस्लाम की पैदाइश की मुबारकबाद दी और इस शुभ जन्म दिन को पूरी इंसानियत की ज़िन्दगी में नए दौर का आग़ाज़ बताया।
सर्वोच्च नेता के भाषण का हिंदी अनुवाद पेश हैः
पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल लाहो अलैहि व आलेही व सल्लम और उनके छठे उत्तराधिकारी इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम की पैदाइश के मुबारक दिन पर तीनों पालिकाओं के चीफ़, इस्लामी व्यवस्था के अधिकारियों और पैंतीसवी अंतर्राष्ट्रीय इस्लामी एकता कॉन्फ़्रेंस में भाग लेने वाले मेहमानों ने रविवार को आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।