20/03/2024
हम ख़याल रखें कि अपने काम में, अपनी बातों में, अपने वादों में सच्चे रहें, ये चीज़ अमल से समझ में आती है, ज़िंदगी में होने वाले बदलाव से समझ में आती है।
20/03/2024
नौरोज़ पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने पैग़ाम जारी किया जिसमें नए साल का नारा निर्धारित किया।
19/03/2024
ख़याल रखो कि तुम्हारी लड़खड़ाहट तुम्हारे मुंह के बल गिर पड़ने का कारण न बन जाए, लड़खड़ाहट तो हो ही जाती है लेकिन ख़याल रखो कि गिर न पड़ो।
18/03/2024
अमरीका, इस्लामी इंक़ेलाब को मानने के लिए क्यों तैयार नहीं है? इसलिए कि उसके हित ख़तरे में पड़ जाएंगे। इस वक़्त भी वो कह रहा है, खुलकर बिना किसी झिझक के कह रहा है कि ईरान के इस्लामी इंक़ेलाब और इस्लामी गणराज्य ने इलाक़े में हमारे हित को ख़तरे में डाल दिया है।
17/03/2024
आज के काल को कल पर न टालो, जो कुछ तुम्हें लगता है कि अंजाम देना ज़रूरी है, उसे आज ही कर डालो, अगर कल हुआ तो कल के ख़ुद अपने काम होंगे।
16/03/2024
इस्लाम और दूसरे आसमानी धर्म, कभी भी अपने दुश्मनों के सिलसिले में उदासीन रवैया नहीं रखते। सभी पैग़म्बरों ने अपने कट्टर दुश्मनों के मुक़ाबले में इसी तरह का रवैया अख़्तियार किया है, वो तलवार उठाते थे।
15/03/2024
मेरे अहले बैत की मिसाल नूह की कश्ती जैसी है, जो उसमें सवार हुआ वो नजात पा गया और जिसने भी उससे मुंह मोड़ा वो डूब गया
14/03/2024
दुनिया भर के काफ़िरों और दुश्मनों के सभी मज़बूत क़िले तुम्हारे ईमान, तुम्हारे अच्छे कर्म और तुम्हारे अनुशासन के सामने ढह जाएंगे, तबाह हो जाएंगे।
13/03/2024
ऐ अबूज़र! अल्लाह की इस तरह इबादत करो मानो तुम उसे आँखों से देख रहे हो, जान लो कि अल्लाह की इबादत का पहला स्तंभ ये है कि उसकी पाक हस्ती की पहचान हासिल करो, उसकी मारेफ़त पैदा करो।
13/03/2024
इस वक़्त ग़ज़ा में जो हो रहा है दोनों तरफ़ से अपनी इंतेहा को पहुंचा हुआ है। अपराध और वहशीपन के लेहाज़ से भी और ग़जा के अवाम के बेमिसाल सब्र के एतेबार से भी।
12/03/2024
इस वक़्त दुनिया की सारी ताक़तों पर आपकी इस हुकूमत का रोब है। उनकी डींगों पर मत जाइये, उन सब पर इस्लामी गणराज्य का रोब है।
11/03/2024
अपनी नौजवानी की क़द्र करें। हमारी जो मसरूफ़ियतें हैं, वो आम तौर पर सांसारिक फ़ायदों से जुड़ी हैं। हमें पूरे दिन में अल्लाह से अकेले में बात करने का मौक़ा नहीं मिलता, उन हस्तियों की बात अलग है जो हमेशा हालते नमाज़ में रहती हैं।
08/03/2024
सरकारों, देशों और क़ौमों से हमारा कोई विवाद नहीं है। हमारा विरोध ज़ुल्म, अतिक्रमण और साम्राज्यवाद से है। हमारा विरोध उन घटनाओं पर है जो आप ग़ज़ा में देख रहे हैं।
06/03/2024
ज़ैतून का पेड़ लगाने का मक़सद फ़िलिस्तीन के अवाम से एकजुटता और हमदिली का इज़हार है कि वह जगह ज़ैतून का केन्द्र है और हम दूर से इन मज़लूम, प्यारे और संघर्षशील अवाम को सलाम करना चाहते हैं और कहना चाहते हैं कि हम हर तरह से आपको याद करते हैं। जैसे यही कि आपकी याद में ज़ैतून का पेड़ लगाते हैं। इमाम ख़ामेनेई  5 मार्च 2024
06/03/2024
फ़िलिस्तीनियों के लिए ज़ैतून आर्थिक पहलू के साथ ही एक प्रतीक भी है। रेज़िस्टेंस का प्रतीक, संयम का प्रतीक और उस सरज़मीन से जुड़ाव का प्रतीक जिसका नाम फ़िलिस्तीन है।
01/03/2024
चुनाव भरपूर भागीदारी वाले हों। हम अगर दुनिया को यह दिखा सकें कि क़ौम मुल्क के अहम मैदानों में उपस्थित है तो समझिए कि हमने देश को सुरक्षित कर दिया।
01/03/2024
संसद और विशेषज्ञ असेंबली के चुनाव के लिए मतदान, रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई अपना वोट डालने के लिए इमाम ख़ुमैनी इमाम बारगाह में दाख़िल हुए।
28/02/2024
अमरीका की अमानवीय नीतियां इतनी शर्मनाक हो चुकी हैं कि आपने सुना ही होगा कि एक अमरीकी फ़ौजी अफ़सर ने आत्मदाह कर लिया। इसका मतलब यह है कि इस कलचर में पलने वाले नौजवान के लिए भी यह बात बर्दाश्त के बाहर है। इमाम ख़ामेनेई  28 फ़रवरी 2024
26/02/2024
क़ुरआन कहता है किः “वो काफ़िरों पर कठोर और आपस में मेहरबान हैं।” क्या अमल में यह कठोरता दुष्ट ज़ायोनी सरकार के ख़िलाफ़ दिखाई जाती है? आज इस्लामी दुनिया के बड़े दर्द यह हैं। इमाम ख़ामेनेई 22 फ़रवरी 2024
25/02/2024
बेशक एक सबसे अज़ीम दुआ इमाम महदी अलैहिस्सलाम के ज़ुहूर की दुआ है। इमाम ख़ामेनेई
25/02/2024
क्या हम देख रहे हैं कि इस्लामी देशों के शासक और इस्लामी देशों के नेता ग़ज़ा के बारे में क़ुरआन की शिक्षाओं और क़ुरआनी मारेफ़त के मुताबिक़ अमल कर रहे हैं? इमाम ख़ामेनेई  22 फ़रवरी 2024
24/02/2024
एक बार इमाम ख़ुमैनी रहमतुल्लाह अलैह से पूछा कि ये जो दुआएं हैं। इनमें आप किस दुआ को ज़्यादा पसंद करते हैं या किस दुआ से ज़्यादा लगाव है? उन्होंने कुछ लम्हें सोचा और फिर जवाब दिया कि दुआए कुमैल और मुनाजाते शाबानिया। इमाम ख़ामेनेई
21/02/2024
अल्लाह, हज़रत अली अकबर के सदक़े में आप नौजवानों की रक्षा करे इंशाअल्लाह आपको इस्लाम के लिए बचाए रखे और साबित क़दम रखे। नौजवान ध्यान दें कि वो सीधे रास्ते को पहचान सकते हैं।
19/02/2024
फ़तह की अहम शर्त यह है कि हम दुश्मन और उसकी ताक़त से वाक़िफ़ हों, लेकिन उससे डरे नहीं! इमाम ख़ामेनेई
18/02/2024
तबरेज़ के 18 फ़रवरी 1978 के ऐतिहासिक आंदोलन की सालगिरह पर पूर्वी आज़रबाइजान प्रांत के हज़ारों लोगों ने आज रविवार की सुबह इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
13/02/2024
हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की पैदाइश का दिन अज़ीम दिन है। तीन शाबान की महानता को इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की महानता की एक झलक के तौर पर देखने की ज़रूरत है। इमाम ख़ामेनेई 12 जून 2013
09/02/2024
आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने कहा कि पूरे इतिहास में इंसानियत के लिए दुनिया में होने वाला सबसे मुबारक और सबसे अज़ीम वाक़या नबी-ए-अकरम की बेसत है। उन्होंने कहा कि ग़ज़ा के मसले में सरकारों की ज़िम्मेदारी है कि ज़ायोनी शासन को राजनैतिक, प्रचारिक, हथियारों और इस्तेमाल की चीज़ों की मदद रोक दें। क़ौमों की ज़िम्मेदारी इस बड़ी ज़िम्मेदारी को अंजाम देने के लिए सरकारों पर दबाव डालना है।
09/02/2024
यह मुसीबत इस्लामी जगत की मुसीबत है बल्कि इससे भी बड़ी यह इन्सानियत की मुसीबत है। यह इस बात की ओर इशारा करती है कि मौजूदा वर्ल्ड ऑर्डर, कितना नाकारा सिस्टम है।
06/02/2024
इस्लामी दुनिया के एलीट अवाम में मांग पैदा करें कि उनकी सरकारें ज़ायोनी सरकार पर वार करने पर मजबूर हों।
06/02/2024
अहम हस्तियों, ओलमा, बुद्धिजीवियों, नेताओं और पत्रकारों की ज़िम्मेदारी है कि अवामी सतह पर मुतालबा पैदा करें कि सरकारें ज़ालिम ज़ायोनी सरकार पर ज़ोरदार वार करें। इमाम ख़ामेनेई 5 फ़रवरी 2024
05/02/2024
वायु सेना और आर्मी के एयर डिफ़ेंस डिपार्टमेंट के कमांडरों की इस्लामी क्रांति के नेता से मुलाक़ात, इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में आयतुल्लाह ख़ामेनेई का प्रवेश, क़ौमी तराना पढ़ा गया। 5 फ़रवरी 2024
30/01/2024
रज़ब का महीना, दुआ का महीना है, तवस्सुल का महीना है। अल्लाह का शुक्र है कि चौदह मासूमों की ओर से इस महीने में जो विश्वसनीय दुआएं आयी हैं वो बहुत अच्छी और उच्च अर्थों वाली दुआएं हैं। इन्शाअल्लाह, इनसे फ़ायदा उठाया जाए।
28/01/2024
हमारी सोचने की शक्ति की इतनी बुलंद उड़ान नहीं है, वह हिम्मत और हौसला नहीं है कि हम यह कह सकें कि ‎इस महान हस्ती की जीवनशैली हमारा आदर्श है। हमारी यह हैसियत नहीं। लेकिन बहरहाल हमारे क़दम उसी दिशा ‎में बढ़ें जिस दिशा में हज़रत ज़ैनब के क़दम बढ़े हैं। हमारा मक़सद इस्लाम का गौरव होना चाहिए, इस्लामी समाज ‎की गरिमा होना चाहिए, इंसान की प्रतिष्ठा होना चाहिए।  इमाम ख़ामेनेई ‎20 नवम्बर 2013‎
24/01/2024
इस्लामी मुल्कों के अधिकारियों को जो काम करना चाहिए, वो अंजाम नहीं पाता। वो क्या है? वो ज़ायोनी शासन की जीवन की नसों को काट देना है।  
24/01/2024
हज़रत अली (अ.स.) की शख़्सियत वह है कि अगर आप शिया हैं तब भी उनका एहतेराम करेंगे, अगर सुन्नी हैं तब भी उनका एहतेराम करेंगे, मुसलमान नहीं हैं तब भी अगर आप इस हस्ती से वाक़िफ़ हैं और उनकी ज़िंदगी के हालात से आगाही रखते हैं तो उनका एहतेराम करेंगे। इमाम ख़ामेनेई 20 सितम्बर 2016
17/01/2024
यमनी क़ौम और अंसारुल्लाह की सरकार ने ग़ज़ा के अवाम के सपोर्ट में जो काम किया वो सचमुच क़ाबिले तारीफ़ है। उन्होंने ज़ायोनी सरकार की जीवन की नसों पर वार किया, अमरीका ने धमकी दी और वो अमरीका से नहीं डरे।
17/01/2024
मंगलवार की सुबह पूरे मुल्क के नमाज़े जुमा के इमामों ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
16/01/2024
ग़ज़ा और फ़िलिस्तीन के लोगों के बारे में दुनिया के लोग दो बातों को मानते हैं। एक ये कि ये मज़लूम हैं, दूसरे ये कि ये फ़ातेह हैं। इसे पूरी दुनिया मानती है।
11/01/2024
संयुक्त राष्ट्र संघ ने जो आंकड़े पेश किए हैं उनके अनुसार सन 2010 से 2019 के बीच ज़ायोनी कॉलोनियों में रहने वालों ने 2955 हमले किए। इनमें 22 फ़िलिस्तीनी शहीद और 1258 घायल हुए।
10/01/2024
तीन महीने से ज़ायोनी सरकार जुर्म कर रही है। इतिहास इन अपराधों को भूलेगा नहीं, अल्लाह की मदद से ज़ायोनी सरकार के अंत, उसके विनाश और ज़मीन से उसका वजूद मिट जाने के बाद भी ये जुर्म भुलाए नहीं जाएंगे।
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