बिस्मिल्लाह अर्रहमान अर्रहीम

मुसलमान क़ौमो!

क्षेत्र के ग़ैरतमंद जवानो!

मुजाहिद हीरो, कमांडर यहया सिनवार अपने शहीद साथियों से जा मिले। वह रेज़िस्टेंस और जेहाद का चमकता चेहरा थे जो फ़ौलादी इरादे के साथ ज़ालिम व हमलावर दुश्मन के मुक़ाबले में डटे रहे, युक्तिपूर्ण कोशिशों और बहादुरी से उसके मुंह पर तमांचा मारा, इस क्षेत्र के इतिहास में 7 अक्तूबर जैसा वार यादगार के तौर पर छोड़ा, जिसकी भरपाई नामुमकिन है और उसके बाद इज़्ज़त व सरबुलंदी के साथ शहीदों के ऊंचे दर्जे की तरफ़ उड़ान भरी। उनके जैसा इंसान जिसने अपनी पूरी ज़िंदगी क़ाबिज़ व ज़ालिम दुश्मन के ख़िलाफ़ संघर्ष में बितायी, उसके लिए शहादत के अलावा कोई अंजाम मुनासिब नहीं है। उन्हें खो देना निश्चित तौर पर प्रतिरोध के मोर्चे के लिए पीड़ादायक है लेकिन शैख़ अहमद यासीन, फ़त्ही शक़ाक़ी, रन्तीसी और इस्माईल हनीया जैसी प्रतिष्ठित हस्तियों की शहादत के बाद इस मोर्चे की प्रगति में कोई रुकावट नहीं आयी तो सिनवार की शहादत से भी इंशाअल्लाह तनिक भी रुकावट नहीं आएगी। हमास ज़िंदा है और ज़िंदा रहेगा। 

हम अल्लाह की मदद और तौफ़ीक़ से हमेशा की तरह निष्ठावान मुजाहिदों और जांबाज़ों के कांधे से कांधा मिलाए खड़े रहेंगे। 

मैं अपने भाई यहया सिनवार की शहादत पर उनके परिवार, साथी मुजाहिदों और अल्लाह की राह में जेहाद करने वालों से दिली लगाव रखने वाले सभी लोगों को मुबारकबाद और उन्हें खोने पर सांत्वना पेश करता हूँ। 

सलाम हो अल्लाह के नेक बंदों पर

सैयद अली ख़ामेनेई

19 अक्तूबर 2024