हुज्जतुल इस्लाम वलमुस्लेमीन तबातबाई नेजाद ने मजलिस पढ़ी जिसके बाद जनाब सैयद मजीद बनी फ़ातेमा ने कर्बला के महान शहीद हज़रत अली अकबर अलैहिस्सलाम के मसाएब पर आधारित नौहा और मरसिया पढ़ा। 

तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में जुमे से शुरू होने वाला मजलिसों का सिलसिला 12 मुहर्रम तक जारी रहेगा।