उन्होंने कहा कि कुछ मौक़ों पर इस्लामी मुल्क के अधिकारियों का स्टैंड और उनके बयान ग़लत होते क्योंकि वो ग़ज़ा में युद्ध विराम जैसे विषय के बारे में बात करते हैं जो उनके अख़्तियार में ही नहीं है बल्कि घटिया ज़ायोनी दुश्मन के हाथ में है, इस्लामी मुल्कों के अधिकारियों को उन चीज़ों के बारे में कोशिश करनी चाहिए जो उनके अख़्तियार में हैं।

इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने बल दिया कि जो चीज़ इस्लामी मुल्कों के अधिकारियों के हाथ में है वो ज़ायोनी शासन की जीवन की नसों को काट देना है, इस्लामी मुल्क, ज़ायोनी शासन के साथ अपने राजनैतिक व आर्थिक संबंध ख़त्म कर लें और इस शासन की मदद न करें।

उन्होंने कहा कि इस्लामी मुल्कों के अधिकारियों के अनुचित क्रियाकलाप और सभी सख़्तियों के बावजूद, जैसा कि क़ुरआन मजीद में आया है, अल्लाह मोमिनों के साथ है और जहाँ भी अल्लाह होगा, वहाँ फ़तह होगी।

आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने कहा कि ग़ज़ा के लोगों की फ़तह यक़ीनी है और अल्लाह यह फ़तह भविष्य में, जो ज़्यादा दूर नहीं है, इस्लामी जगत को दिखाएगा और मुसलमानों के दिल, जिनमें सबसे ऊपर फ़िलिस्तीन तथा ग़ज़ा के अवाम हैं, ख़ुश हो जाएंगे।