हुज्जतुल इस्लाम वलमुस्लेमीन रफ़ीई ने मजलिस पढ़ी, जिसमें उन्होंने हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के कथनों के हवाले से मक़सद के लिए तबदीली और प्रतिरोध की ताक़त पैदा करने में उम्मीद के रोल का जायज़ा लिया।

मजलिस में जनाब महदी समावाती ने दुआए तवस्सुल पढ़ी और इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम पर पड़ने वाली मुसीबतों का ज़िक्र किया जबकि जनाब महदी रसूली ने मर्सिया और नौहा पढ़ा।

मजलिसों का यह सिलसिला शनिवार तक जारी रहेगा।