इस मजलिस को मौलाना हुज्जतुल इस्लाम मसऊद आली ने ख़िताब किया। उन्होंने बसीरत और अपने दौर की समझ के विषय पर चर्चा की जबकि जनाब मीसम मुतीई ने हज़रत अब्बास का नौहा और मर्सिया पढ़ा।

अज़ादारी का यह सिलसिला शनिवार 11 मोहर्रम तक जारी रहेगा।