जब हमने ऐलान किया कि ख़ुर्रमशहर को हमने वापस ले लिया है तो एक-दो दिन तक दुनिया की न्यूज़ एजेंसियाँ इस ख़बर को प्रकाशित व प्रसारित करने के लिए तैयार ही नहीं हो रही थीं। इसे वे संशय की नज़र से देख रही थीं, मगर ये हो चुका था। आख़िरकार सबको इस फ़तह का इक़रार करना पड़ा। इस ऑप्रेशन में हमारे जियालों ने 15 हज़ार से ज़्यादा इराक़ी सैनिकों को क़ैदी बनाया और मोर्चों के पीछे जंगी क़ैदियों के लिए बनाए गए कैम्पों में भेजा।

इमाम ख़ामेनेई

22/5/2002