आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने बुधवार को एक संदेश में जनसंख्या के मैदान के हमदर्द कार्यकर्ताओं का शुक्रिया अदा करते हुए जनसंख्या में वृद्धि के लिए कोशिश, देश में श्रमबल को जवान बनाए जाने और देश को बूढ़ी जनसंख्या के ख़तरनाक भविष्य से बचाने की युक्ति को एक बुनयादी नीति और सबसे ज़रूरी ज़िम्मेदारियों में से एक क़रार दिया है।

इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर का संदेश, जिसे बुधवार को, जनसंख्या के मामलों के राष्ट्रीय हेडक्वार्टर के सेक्रेट्री डाक्टर फ़ुरूतन ने पढ़ा, इस प्रकार हैः

बिस्मिल्लाह-अर्रहमान-अर्रहीम

उन सभी लोगों की सेवा में सलाम अर्ज़ करता हूं जो हमदर्दी और दूरदर्शिता के साथ जनसंख्या के मैदान में काम कर रहे हैं और संसद व सरकार के उन अधिकारियों का शुक्रिया अदा करता हूं जो देश को बूढ़ी जनसंख्या के ख़ौफ़नाक भविष्य से बचाने के लिए उपाय सोच रहे हैं। मैं एक बार फिर ज़ोर देकर कहता हूं कि जनसंख्या में वृद्धि, देश में श्रमबल के जवान होने और परिवार की मदद की कोशिश, अधिकारियों और सभी लोगों की सबसे ज़रूरी ज़िम्मेदारियों में से एक है। प्रभावी और कल्चर बनाने वाले लोगों व केंद्रों पर यह ज़िम्मेदारी और भी ज़्यादा है। ठोस वैज्ञानिक अध्ययनों से स्पष्ट होता है कि इस नीति को सभी संभावित व काल्पनिक नुक़सानों से बचते हुए आगे बढ़ाया जा सकता है और देश के भविष्य को इससे लाभान्वित किया जा सकता है।

इस नेक काम के लिए मेहनत करने वालों को मेरी सिफ़ारिश है कि क़ानूनी उपायों के साथ ही सार्वजनिक वातावरण और स्वास्थ्य सिस्टम में इस बारे में सार्थक माहौल तैयार किए जाने को अहमियत दें।

अल्लाह से सभी के लिए तौफ़ीक़ की दुआ करता हूं।

सैयद अली ख़ामेनेई