आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई, पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम के निधन और उनके बड़े नवासे इमाम हसन अलैहिस्सलाम की शहादत की बरसी की मजलिस में शामिल हुए। अज़ादारी का यह प्रोग्राम मंगलवार 5 अक्तूबर को तेहरान में इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में आयोजित हुआ।
इस मजलिस को धर्मगुरू हुज्जतुल इस्लाम वलमुस्लेमीन मसऊद आली ने संबोधित किया। उन्होंने पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम को अल्लाह का सबसे महान जलवा बताया और कहाः अल्लाह ने उनके पाक वुजूद को पहचनवाते हुए क़ुरआने मजीद में कहा है कि पैग़म्बर लोगों में से, लोगों के बीच से, हमदर्द, लोगों की हिदायत का बहुत ज़्यादा इच्छुक और मोमिनों के साथ बहुत ही नर्म दिल और मेहरबान है।
इस मजलिस में जनाब सलहशूर ने मसाएब और नौहे पढ़े।