08/05/2024
इस्लाम के सबसे ख़ूबसूरत आध्यात्मिक दृष्यों में से एक, मस्जिदुन नबी में क़ुरआन की तिलावत है, मस्जिद और क़ुरआन एक साथ, काबा और क़ुरआन एक साथ, यह बहुत ही सुंदर संगम है।
07/05/2024
हज़रत इब्राहीम ने जो शिक्षाएं हमें दी हैं उनके मुताबिक़ इस साल का हज बेज़ारी के एलान का हज है। पश्चिमी कल्चर से निकलने वाले ख़ूंख़ार वजूद से बेज़ारी का एलान जिसने ग़ज़ा में अपराध किए।
06/05/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने हज के लिए क़ाफ़िलों के रवाना होने से कुछ दिन पहले सोमवार की सुबह, हज संस्था के प्रबंधकों और कुछ हाजियों से मुलाक़ात की।
06/05/2024
हज संस्था के अधिकारियों और कर्मचारियों ने सोमवार की सुबह इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से तेहरान में मुलाक़ात की।
06/05/2024
और लोगों में हज का एलान कर दो (सूरए हज, आयत-27) हज संस्था के अधिकारियों से मुलाक़ात के स्थान पर क़ुरआन की आयत 06/05/2024
06/05/2024
हज़रत इब्राहीम की शिक्षाओं की बुनियाद पर इस साल का हज ख़ास तौर पर बराअत का हज है, क्योंकि एक तरफ़ ख़ूंख़ार ज़ायोनी है तो दूसरी ओर ग़ज़ा के मुसलमान अवाम का इतनी मज़लूमियत के साथ प्रतिरोध है।
06/05/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 6 मई 2024 को हज संस्था के अधिकारियों, सदस्यों और हज के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं से मुलाक़ात में हज के विषय पर अहम गुफ़तगू की और ग़ज़ा पर ज़ायोनियों के हमलों के परिप्रेक्ष्य में मुसलमानों की ज़िम्मेदारियों को रेखांकित किया। (1)
03/07/2023
साम्राज्यवादी ताक़तें मुसलमानों की एकता और नौजवान नस्ल की दीनदारी की विरोधी हैं और जिस तरह भी मुमकिन हो उस पर हमले करती हैं। हमारा और सारी क़ौमों का फ़र्ज़ इस अमरीकी व ज़ायोनी साज़िश का मज़बूती से मुक़ाबला करना है। इमाम ख़ामेनेई 25 जून 2023
02/07/2023
#हज के अमल से रूहानियत और अख़लाक़ का सबक़ लेना चाहिए। रूहानियत दीनी अख़लाक़ की बुलंदी का नाम है। दीन से ख़ाली अख़लाक़ की जादूगरी का अंजाम, जिसका पश्चिमी विचारकों के ज़रिए मुद्दतों प्रचार किया जाता रहा, पश्चिम की यही अख़लाक़ी गिरावट है जिसे रोकना मुमकिन नहीं। इमाम ख़ामेनेई 25 जून 2023
01/07/2023
हज अमली तौर पर दिखा देता है कि नस्ली भेदभाव, इलाक़ाई भेदभाव, तबकों के बीच भेदभाव, इन्हें क़ुबूल नहीं करता, यह बहुत अहम प्वाइंट है। आज वह मुल्क जो सिविलाइज़्ड होने का दावा करते हैं, मेरी नज़र में, तहज़ीब से दूर का भी उनका नाता नहीं रहा है।
01/07/2023
रूहानियत का मतलब दीनी अख़लाक़ियात की बुलंदी है। धर्म को नकारते हुए नैतिकता को अपनाने की भ्रामक सोच का अंजाम, जिसका लंबे समय तक पश्चिम के वैचारिक हल्क़े प्रचार करते रहे, पश्मिच में अख़लाक़ का तेज़ पतन है जिसे सारी दुनिया देख रही है। रूहानियत और अख़लाक़ हज में अंजाम दिए जाने वाले अमल से, (हज के विशेष लेबास) अहराम की सादगी से, निराधार भेदभाव को नकारने से, (और तंगदस्त मोहताज को खाना खिलाओ की सीख) से, (हज के दौरान कोई शहवत वाला अमल, कोई बुरा अमल और कोई लड़ाई झगड़ा न हो की तालीम) से, तौहीद के मरकज़ के गिर्द पूरी उम्मत के तवाफ़ से, शैतान को कंकरियां मारने से और मुशरिकों से बेज़ारी के एलान से सीखना चाहिए। इमाम ख़ामेनेई 25 जून 2023
01/07/2023
हज के पैग़ाम का एक अस्ली स्तंभ मुसलमानों की एकता है। यानी सियासी व कल्चरल मैदान की अहम हस्तियां #पहले_विश्व_युद्ध के बाद पश्चिमी सरकारों के हाथों पश्चिमी एशिया के राजनैतिक और भौगोलिक विभाजन के कड़वे अनुभव को दोहराने की अनुमति न दें। इमाम ख़ामेनेई 25 जून 2023
28/06/2023
हज, आज और कल के इंसान की अख़लाक़ी गिरावट के लिए साम्राज्यवाद और ज़ायोनीवाद की तरफ़ से रची गई सभी साज़िशों को नाकाम और बेअसर बना सकता है। आलमी सतह पर यह असर डालने के लिए ज़रूरी शर्त यह है कि मुसलमान पहले क़दम के तौर पर हज के हयात-बख़्श पैग़ाम को पहले ख़ुद सही तरीक़े से सुनें और उस पर अमल करने में कोई कसर न छोड़ें।
27/06/2023
ईरान के इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने हाजियों के नाम अपना पैग़ाम जारी किया।
27/06/2023
#हज के लिए #इब्राहीमी एलान और उनकी वैश्विक दावते-आम ने एक बार फिर इतिहास की गहराइयों से पूरी धरती को संबोधित किया है और आमादा और ज़िक्र में मसरूफ़ दिलों में शौक़ और हलचल पैदा कर दी है। इमाम ख़ामेनेई 25 जून 2023
27/06/2023
#हज का सिस्टम इंसानी समाज की बुलंदी और सारे इंसानों की सेहत और सलामती में मददगार बन सकता है। हज सारी इंसानियत को आध्यात्मिक बुलंदी और रूहानी व अख़लाक़ी ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है और यह मौजूदा दौर के इंसान की अहम ज़रूरत है। इमाम ख़ामेनेई 25 जून 2023
27/06/2023
हज आज और कल इंसानियत के अख़लाक़ी पतन के साम्राज्यवाद और #ज़ायोनिज़्म के सारे मंसूबों को नाकाम और उन्हें बेअसर कर सकता है। इमाम ख़ामेनेई 25 जून 2023
27/05/2023
भेदभाव को ख़त्म करने की इस्लाम की ज़बान दरअस्ल अमल की ज़बान है, कहाँ? हज में। काले हैं, गोरे हैं, दुनिया के फ़ुलां क्षेत्र से आए हैं, फ़ुलां तहज़ीब के हैं, फ़ुलां तारीख़ के हैं, सब एक साथ बिना किसी भेदभाव के, एक साथ हैं, कोई भेदभाव नहीं है। ये हज के राज़ हैं, इन्हें मारेफ़त के साथ अंजाम देना चाहिए। इमाम ख़ामेनेई  17 मई 2023
23/05/2023
इस्लाम नस्लों के बीच समानता का अमली तौर पर पैग़ाम देता है। हज में काले भी हैं, गोरे भी हैं। ‎दुनिया के मुख़्तलिफ़ इलाक़ों, दुनिया की मुख़्तलिफ़ तहज़ीबों और अलग अलग ऐतिहासिक बैक ग्राउंड ‎के लोग सब एक दूसरे के साथ होते हैं। यह हज के अहम रहस्यों में से है। इमाम ख़ामेनेई ‎17 मई 2023‎
22/05/2023
अगर आप ने एक दिन देखा कि, अल्लाह वह दिन कभी न लाए, कोई हज पर जाने वाला नहीं है, तो आप पर वाजिब है कि हज के लिए जाएं, चाहे इससे पहले आप दस बार हज कर चुके हों। इस घर, इस असली व बुनियादी केन्द्र को कभी भी ख़ाली नहीं रहना चाहिए। "लोगों को सहारा देने वाली बुनियाद" यह इबारत बहुत अहम है।
19/05/2023
क़ुरआन में हज के बारे में कई आयतें हैं। एक सूरए मायदा की आयत है जिसमें अल्लाह कहता है किः "ख़ुदा ने काबा को जो एहतेराम वाला घर है लोगों की मज़बूती और कामयाबी का मरकज़ बनाया है।" मायदा 97 ख़ुदा ने काबे को समाज की बक़ा और मज़बूती का ज़रिया बनाया है। यह बहुत अहम है। यानी अगर हज का वजूद न हो और हज अंजाम न पाए तो इस्लामी उम्मत और इस्लामी समाज बिखर जाएगा। दूसरी सूरए हज की आयत हैः "और लोगों में हज का एलान कर दो कि लोग (आपकी आवाज़ पर लब्बैक कहते हुए) आपके पास आएंगे। पैदल और हर दुबली सवारी पर कि वो सवारियां दूरदराज़ से आई हुई होंगी। ताकि वो अपने फ़ायदों के लिए हाज़िर हों।" सूरए हज 27 व 28 क़ौम, उम्मते इस्लामी, अवाम, दुनिया के कोने कोने से हज के लिए आएं ताकि अपनी आंखों से अपने फ़ायदों को देखें। फ़ायदों की आमाजगाह में ख़ुद मौजूद हों। इमाम ख़ामनेई 17 मई 2023
17/05/2023
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने हज संस्था के अधिकारियों, कर्मचारियों और कुछ हाजियों से मुलाक़ात में हज के बारे में सही नज़रिये और इस अहम फ़रीज़े के बारे में सही समझ पर बल दिया और कहा कि हज एक विश्वस्तरीय व सभ्यता से संबंधित विषय है जिसका मक़सद इस्लामी जगत का उत्थान, मुसलमानों के दिलों को एक दूसरे के क़रीब लाना और कुफ़्र, ज़ुल्म, साम्राज्यवाद, इंसानी और ग़ैर इंसानी बुतों के ख़िलाफ़ इस्लामी जगत की एकता है।
17/05/2023
वह मक़सद इस्लामी उम्मत का इत्तेहाद है। किस के मुक़ाबले में? कुफ़्र के मुक़ाबले में, ज़ुल्म के मुक़ाबले में, इम्पेरियलिस्ट ताक़तों के मुक़ाबले में, इंसानी व ग़ैर इंसानी बुतों के मुक़ाबले में। उन तमाम चीज़ों के मुक़ाबले में जिन्हें ख़त्म करने के लिए इस्लाम आया।
17/05/2023
हज के लिए रवानगी से पहले हज संस्था के अधिकारियों, कार्यकर्ताओं और कुछ हाजियों ने रहबरे इंक़ेलाबे इस्लामी से मुलाक़ात की। 17 मई 2023 को होने वाली इस मुलाक़ात में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने हज में छिपे गहरे अर्थों और तालीमात और फ़ायदों पर रौशनी डाली और ज़िम्मेदारियों के सिलसिले में कुछ निर्देश दिए।
07/07/2022
हज रहस्यों और अलामतों से भरी इबादत है। इमाम ख़ामेनेई ने 19 जुलाई 2021 को हज संदेश जारी किया।
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