शहीद नसरुल्लाह ज़िंदा हैं
हुज्जतुल इस्लाम वलमुस्लेमीन हबीबुल्लाह बाबाई ने जो बाक़ेरुल उलूम यूनिवर्सिटी में सभ्यता व संस्कृति अध्ययन फ़ैकल्टी में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर हैं, Khamenei.ir से इंटरव्यू में, शहीद नसरुल्लाह और शहीद सफ़ीउद्दीन के अंतिम संस्कार के मौक़े पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के संदेश में शहीदों के "इज़्ज़त की चोटी पर होने" और "शहीदों की रूह और उनके रास्ते की दिन ब दिन बढ़ती सरबुलंदी" के तात्पर्य की व्याख्या की।