यह कि राष्ट्रपति शहीद रईसी संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा में क़ुरआन हाथ में उठाएं या शहीद सुलैमानी की तस्वीर अपने हाथ में लें, यह राष्ट्र के लिए गौरव है।
इमाम ख़ामेनेई
20 मई 2025
राष्ट्रपति बनने के बाद शहीद रईसी ने जो पहला इंटरव्यू दिया था, उसमें पत्रकार ने उनसे पूछा कि क्या आप अमरीका से वार्ता करेंगे? उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा: "नहीं"। उन्होंने कहा: "नहीं", बिना किसी हिचकिचाहट के और उन्होंने वार्ता नहीं की।
आज मंगलवार 20 मई 2025 की सुबह इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की मौजूदगी में शहीद राष्ट्रपति सैयद इब्राहिम रईसी और सेवा के शहीदों की पहली बरसी का कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमें इन शहीदों के अलावा कुछ अन्य शहीदों के परिजनों ने भाग लिया।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने मंगलवार 20 मई 2025 की सुबह शहीद रईसी और सेवा की राह के शहीदों के परिजनों, कुछ उच्चधिकारियों और शहीदों के परिजनों से मुलाक़ात में शहीद आले हाशिम, शहीद अमीर अब्दुल्लाहियान, हेलीकॉप्टर क्रू के शहीद सदस्यों, पूर्वी आज़रबाइजान प्रांत के शहीद गवर्नर और शहीद सुरक्षा कमांडर को श्रद्धांजलि अर्पित की, जो शहीद रईसी के साथ शहीद हुए थे।
शहीद रईसी कभी न थकने वाले, विनम्र, दुआ से लगाव रखने वाले, इंक़ेलाबी और दीनी स्टैंड खुल कर बयान करने वाले थे और प्रतिष्ठित विदेश नीति की शैली पर चलते थे।
7 जुलाई 2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने रविवार 7 जुलाई 2024 की सुबह कार्यवाहक राष्ट्रपति मुख़बिर और तेरहवें मंत्रीमंडल के सदस्यों से मुलाक़ात की।
इस महान और बेग़रज़ (आत्मबलिदानी) इंसान के ओहदे की पूरी मुद्दत, पूरी तरह इस्लाम की दिन रात सेवा के लिए समर्पित थी।
इस्लामी गणराज्य ईरान के राष्ट्रपति और उनके सम्मानीय साथियों के शहादत जैसे निधन पर इमाम ख़ामेनेई का शोक संदेश
20/05/2024
अल्लाह, जनाब रईसी के दर्जे बुलंद करे इंशाअल्लाह। मैं जितना भी सोचता हूँ, ख़ुद मेरे लिए भी, मुल्क के लिए भी और ख़ास तौर पर उनकी फ़ैमिली के लिए भी इस नुक़सान की भरपाई ना मुमकिन नज़र आती है। यानी बहुत बड़ा नुक़सान है जिसकी भरपाई नहीं हो सकती, वाक़ई बहुत सख़्त है, बहुत बड़ा सदमा है। हमें उम्मीद है कि इंशाअल्लाह, अल्लाह उनके दर्जे बुलंद करे और आप लोगों को भी सब्र दे। मुसीबत जितनी सख़्त और बड़ी होती है, अल्लाह का अज्र भी उसी की तुलना में बड़ा और मीठा होता है, इंशाअल्लाह।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने शनिवार की सुबह ख़िदमत गुज़ार शहीदों के घर वालों से मुलाक़ात में अवाम के लिए काम, अवाम की सेवा और अवाम के प्रति हमदर्दी को इन शहीदों की सबसे नुमायां ख़ुसूसियतें बताया और कहा कि मरहूम शहीद रईसी के लिए दिन रात का कोई मतलब नहीं था, वह सही मानी में अथक थे।