इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने राजनीति व इबादत के पहलुओं पर आधारित जुमे की नमाज़ में अवाम की भारी तादाद को ख़ेताब करते हुए मुसलमानों में एकता व एकजुटता को अल्लाह की तरफ़ से रहमत व इज़्ज़त मिलने और दुश्मन पर कामयाबी हासिल करने का सबब बताया और ताकीद की कि इस्लाम के रक्षा से संबंधित हुक्म, इस्लामी गणराज्य के संविधान के अनुसार ख़ूंख़ार ज़ायोनी सरकार को सज़ा देने की ईरान की आर्म्ड फ़ोर्सेज़ की कार्यवाही क़ानूनी और पूरी तरह सही थी। उन्होंने कहा कि इस्लामी गणराज्य ईरान इस संबंध में जिस ज़िम्मेदारी का एहसास करेगा, उसे किसी देरी या जल्दबाज़ी के बग़ैर पूरी ताक़त व दृढ़ता से अंजाम देगा।
फ़िलिस्तीन और क़ुद्स की आज़ादी के ध्वजवाहक हुज्जतुल इस्लाम वलमुस्लेमीन सैयद हसन नसरुल्लाह की मज़लूमाना शहादत के बाद और अलअक़्सा फ़्लड आप्रेशन(1) की पहली सालगिरह के मौक़े पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने 4 अक्तूबर 2024 को तेहरान की जुमे की नमाज़ पढ़ाई।