11/09/2024
इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने अपने एक संदेश में अरबईने हुसैनी के दिनों में मेज़बानी के लिए इराक़ी मौकिबदारों और महान इराक़ी राष्ट्र का शुक्रिया अदा किया। बुधवार 11 सितम्बर 2024 को अपनी इराक़ यात्रा के दौरान राष्ट्रपति श्री डॉक्टर मस्ऊद पेज़िश्कियान ने इराक़ के प्रधान मंत्री श्री शिया अल सूदानी को इस संदेश के अरबी अनुवाद की शील्ड प्रस्तुत की। रहबरे इंक़ेलाब के इस संदेश का अनुवाद इस प्रकार है:
09/07/2024
आज दुनिया को इस तौर तरीक़े और सोच की ज़रूरत है, इमाम हुसैन का यह पैग़ाम, दुनिया की नजात का पैग़ाम है। 18/09/2019
06/09/2023
इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम हिदायत का चेराग़ हैं। हमेशा हुसैनी ज़िंदगी गुज़ारिए और हुसैनी बने रहिए। इमाम ख़ामेनेई 6 सितम्बर 2023
24/07/2023
मैं आप नौजवानों को सिफ़ारिश करना चाहूंगा कि अंजुमनों की क़द्र कीजिए। मैं हमेशा नौजवानों से कहता हूं कि अपनी नौजवानी की क़द्र कीजिए। लेकिन 'हैअतों' (हुसैनी अंजुमनों) की भी क़द्र कीजिए। यह ख़ज़ाने हैं। हुसैनी अंजुमन याद मनाने और बयान करने के अर्थ में है। यह याद भी मनाती है और बयान भी करती है। अंजुमन इस तरह की होनी चाहिए। याद भी मनाए और (तथ्यों को) बयान करने का केन्द्र भी हो। इमाम ख़ामेनेई 17 सितम्बर 2022
15/09/2022
इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम सारी इंसानियत के लिए हैं। हम शियों को फ़ख़्र है कि हम इमाम हुसैन के मानने वाले हैं। लेकिन इमाम हुसैन सिर्फ़ हमारे नहीं हैं, अलग अलग इस्लामी मसलक, शिया सुन्नी सब इमाम हुसैन के परचम तले जमा हैं। चेहलुम के इस अज़ीम मार्च में वे लोग भी शामिल होते हैं जो मुसलमान नहीं हैं। यह सिलसिला इंशाअल्लाह जारी रहेगा। यह एक अज़ीम निशानी है जो अल्लाह दिखा रहा है।  इमाम ख़ामेनेई  18 सितम्बर 2019
31/07/2022
तव्वाबीन ज़रूरत के वक़्त मैदान में नहीं आए। सही समय पर कार्यवाही नहीं की। देर से फ़ैसला किया, देर से हालात को समझा।
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