बीसवीं सदी अमरीकी ख़्वाबों की दुनिया है, अमरीकियों का दावा था कि दुनिया उनकी उंगली पर नाचती है। इसी दावे के साथ ही 1991 में पूर्व सोवियत संघ के विघटन और दुनिया के एक ध्रुवीय हो जाने के बाद, भूतपूर्त अमरीकी राष्ट्रपति बुश सीनियर ने दुनिया में पुराना वर्ल्ड आर्डर ख़त्म होने की बात कही और बुद्धिजीवियों व राजनैतिक टीकाकारों ने भी अमरीकी चौधराहट और अमरीकी सदी के आग़ाज़ की भविष्यवाणी कर दी। सबने कहा कि अब दुनिया पर अमरीकी जीवन शैली और अमरीकी मूल्य छा जाएंगे।
आयतुल्लाहिल उज़मा खामेनेईः पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम की महान हस्ती, पैग़म्बरों और ख़ुदा के प्यारे बंदों की सूची में सबसे ऊपर है और हम मुसलमानों के लिए उनका अनुसरण अनिवार्य है। (12 मई 2000)
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने 3 अक्तूबर 2021 को इमाम हुसैन कैडिट कॉलेज में ईरानी सशस्त्र बलों की अकादमियों के कैडिट्स के ग्रेजुएशन के संयुक्त समारोह से वीडियो लिंक के माध्यम से संबोधन में ईरान के पश्चिमोत्तरी पड़ोसी देशों में जारी मामलों के बारे में कुछ अहम बातों का उल्लेख किया। KHAMENEI.IR ने इस संबंध में ईरान के पूर्व कूटनयिक मोहसिन पाक आईन के लिखे हुए एक लेख के माध्यम से देश की पश्चिमोत्तरी सीमाओं पर जारी समस्याओं का जायज़ा लिया है।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने 11 मार्च 2021 को हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम की पैग़म्बरी की घोषणा की वर्षगांठ के मौक़े पर टीवी पर अपने संबोधन में यमन की मज़लूम जनता पर सऊदी अरब की बमबारी और इस ग़रीब देश के आर्थिक घेराव में अमरीकी सरकार की भागीदारी का ज़िक्र किया और इस बारे में संयुक्त राष्ट्र संघ के रवैये की कड़ी निंदा की।
इस्लामी एकता का विषय हमेशा से ईरान की इस्लामी क्रांति के नेता इमाम ख़ामेनेई की चिंताओं में से एक रहा है। इस विषय को उनकी बातों और व्यवहारिक क़दमों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है, यहां तक कि शायद ही कभी ऐसा हुआ हो कि उन्होंने मुस्लिम समाज को संबोधित करते समय एकता के विषय पर ज़ोर न दिया हो। इस लेख में “इस्लामी एकता” के विषय पर इमाम ख़ामेनेई के बयानों की गहरी समीक्षा के माध्यम से इस विषय में उनकी नीतियों व रवैये को बयान करने की कोशिश की गई है।