सामने वाले पक्ष ने धमकी दी है कि अगर तुमने वार्ता नहीं की तो ऐसा और वैसा होगा, हम बमबारी करेंगे। ऐसी वार्ता को स्वीकार करना जो धमकी के साथ जुड़ी हो, कोई सम्मानीय राष्ट्र बर्दाश्त नहीं करता, कोई भी समझदार राजनीतिज्ञ इसका समर्थन नहीं करता है।