इस्लामी इंक़ेलाब के नेता का पैग़ाम इस तरह हैः

बिस्मिल्लाह अर्रहमान अर्रहीम

इस्लाम के बहादुर व त्यागी कमांडर जनरल मोहम्मद रज़ा ज़ाहेदी अपने साथी मुजाहिद मोहम्मद हादी हाज रहीमी के साथ, क़ाबिज़ व घृणित ज़ायोनी हुकूमत की आपराधिक कार्यवाही का शिकार होकर शहीद हो गए। अल्लाह और उसके औलिया का सलाम और रहमत उन पर हो और इस वाक़ए के दूसरे शहीदों पर हो और ज़ालिम व अतिक्रमणकारी हुकूमत के अधिकारियों पर लानत व धिक्कार हो।

हमारे शहीदों ने अपने मेहरबान परवरदिगार से अपने लंबे संघर्ष के क़ुबूल होने का मेडल हासिल किया और इस वक़्त वो अल्लाह के औलिया और नेक बंदों के साथ, अल्लाह की नेमतों से संपन्न हैं। 

जनरल ज़ाहेदी को सन 1980 की दहाई से ही ख़तरों और संघर्ष के मैदानों में शहादत का इंतेज़ार था। इन लोगों ने कुछ नहीं गंवाया और अपना इनाम हासिल कर लिया है लेकिन इनकी जुदाई का ग़म ईरानी क़ौम के लिए ख़ास तौर पर हर उस शख़्स के लिए जो उन्हें जानता था, बहुत भारी है। 

दुष्ट हुकूमत हमारे बहादुरों के हाथों सज़ा पाएगी। अल्लाह की मदद से हम उन्हें इस जुर्म और इसी तरह के दूसरे जुर्मों पर पछताने पर मजबूर कर देंगे। सलाम हो अल्लाह के नेक बंदों पर।

सैयद अली ख़ामेनेई

02/04/2024