सवालः क्या नौरोज़ के आमाल (ग़ुस्ल और रोज़ा वग़ैरह) रजा (कि शायद क़ुबूल हो जाए) की नीयत से अंजाम देना चाहिए?

जवाबः हिजरी शम्सी साल के पहले दिन ग़ुस्ल और रोज़ा मुस्तहब है लेकिन सभी आमाल जो (नमाज़ और ख़ास दुआओं की शक्ल में) नौरोज़ के लिए ज़िक्र हुए है, रजा की नीयत से अंजाम दिए जाएं।