तौहीद वही ख़ज़ाना है जिसकी क़द्र व अहमियत तक कोई भी चीज़ नहीं ‎पहुंचती इसलिए कि अल्लाह की इबादत इंसान को दूसरों की ग़ुलामी और बंदगी से रिहाई दिलाती है।

कीवर्ड्ज़