आज फिर एक अहम मसला फ़िलिस्तीन का है। एक क़ौम, एक मुल्क मुकम्मल तौर पर क़ब्ज़े में है वह भी आम इंसानों नहीं बल्कि वहशी, ख़बीस और शैतानी फ़ितरत के इंसानों के क़ब्ज़े में। इस्लामी हुकूमतें सिर्फ़ देख रही हैं, तमाशबीन बनी हुई हैं। इमाम ख़ामेनेई 18 फ़रवरी 2023
कीवर्ड्ज़