सवालः अगर किसी की पीठ पीछे बुराई की या उस पर तोहमत लगायी हो तो किस तरह अपने गुनाह की तौबा करें? क्या उसे राज़ी करना ज़रूरी है?

 

जवाबः उसे चाहिए कि जिस बड़े गुनाह को उसने अंजाम दिया है, उसकी अल्लाह से माफ़ी मांगे और तोहमत का इंकार करे और जिसकी बुराई की या जिस पर तोहमत लगायी है, उससे माफ़ी मांगे। अगर ऐसा करना मुमकिन नहीं है या ऐसा करने में किसी बड़े फ़ितने या तबाही का ख़तरा है, तो उस इंसान के लिए इस्तेग़फ़ार करे।