इस ‎मजलिस में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता और सीमित संख्या में लोगों ‎ने भाग लिया।हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मसऊद आली ने मजलिस पढ़ी ‎और उसके बाद जनाब मीसम मुतीई ने हज़रत फ़ातेमा ज़हरा ‎‎(स.अ.) के मसाएब बयान किए और नौहा व मर्सिया पढ़ा।