शबे शहादत की मजलिस मशहूर वक्ता हुज्जतुल इस्लाम नासिर रफ़ीई ने पढ़ी। उन्होंने हज़रत ज़हरा के परिवार को एक आदर्श मुस्लिम घराना क़रार दिया।

हुज्जतुल इस्लाम नासिर रफ़ीई ने कहा कि हर क्षेत्र में अल्लाह की ख़ुशी को केन्द्र बनाना, दीनी तरबियत, घर के सदस्यों के अधिकारों का सम्मान, सादा जीवन, फ़ुज़ूलख़र्ची से परहेज़, इसके अलावा नैतिक मूल्यों जैसे सच्चाई, अमानतदारी, वफ़ादारी और प्रेम व स्नेह का माहौल ‘फ़ातेमी घराने’ की ख़ासियतें हैं।

हुज्जतुल इस्लाम नासिर रफ़ीई ने तक़रीर के आख़िरी हिस्सा में हज़रत ज़हरा के मसाएब पढ़े और दुआ करवाई।

हुज्जतुल इस्लाम नासिर रफ़ीई की तक़रीर के बाद श्री महमूद करीमी ने नौहा और मरसिया पढ़ा।