इस्लामी क्रान्ति की सफलता की दूसरी सालगिरह पर ईरान की इस्लामी प्रचार की सुप्रीम काउंसिल के फ़ैसले के मुताबिक़, इस्लामी गणराज्य से दुनिया के अनेक देशों के लिए प्रतिनिधिमंडल भेजे गए ताकि वे दूसरे राष्ट्रों ख़ास तौर पर मुसलमानों को इस्लामी गणराज्य के नज़रिये और इस्लामी क्रांति की विशेषताओं की जानकारी दें।
आयतुल्लाह ख़ामेनई के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल भारत गया था। उन्होंने फ़रवरी 1981 में भारत का 2 हफ़्ते का दौरा किया जिसके दौरान वह नई दिल्ली, हैदराबाद, बैंगलुरू जैसे शहरों और कुछ उपनगरीय इलाक़ों में गए और कश्मीर का भी सफ़र किया जहाँ उन्होंने अपनी स्पीच, मुलाक़ातों, बातों, इंटरव्यू और ख़ास तौर पर स्थानीय मीडिया, स्टूडेंट्स, यूनिवर्सिटी के उस्तादों, इस्लामी संगठनों और हस्तियों से अपनी बातचीत में इस्लामी क्रांति और इस्लामी गणराज्य व्यवस्था की वास्तविक छवि पेश की और इस्लामी गणराज्य के सामने मुश्किलों ख़ास तौर पर इराक़ की तरफ़ से थोपी गयी जंग के बारे में तफ़सील से बताया।
आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई ने भारत की तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांथी से भी मुलाक़ात की थी जिनकी उस वक़्त अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख़ास पहिचान थी।