यह नज़रिया बिल्कुल दुरुस्त है कि इमाम हुसैन की तहरीक ने इस्लाम को महफ़ूज़ कर लिया। आज (इमाम हुसैन की अज़ादारी का) यह प्रोग्राम 100 साल पहले के मुक़ाबले में ज़्यादा जोश व जज़्बे के साथ, ज़्यादा बड़े पैमाने पर अंजाम पा रहा है। यह एक तहरीक की निशानी है जो हुसैन इब्ने अली अलैहिस्सलाम के नेतृत्व में सारी दुनिया में आगे बढ़ रही है, इंशाअल्लाह आगे बढ़ती रहेगी। मुश्किलों को हल करेगी। क़ौमों की समस्याएं दूर करेगी।
इमाम ख़ामेनेई
21 सितम्बर 2017
मैं आप नौजवानों को सिफ़ारिश करना चाहूंगा कि अंजुमनों की क़द्र कीजिए। मैं हमेशा नौजवानों से कहता हूं कि अपनी नौजवानी की क़द्र कीजिए। लेकिन 'हैअतों' (हुसैनी अंजुमनों) की भी क़द्र कीजिए। यह ख़ज़ाने हैं। हुसैनी अंजुमन याद मनाने और बयान करने के अर्थ में है। यह याद भी मनाती है और बयान भी करती है। अंजुमन इस तरह की होनी चाहिए। याद भी मनाए और (तथ्यों को) बयान करने का केन्द्र भी हो।
इमाम ख़ामेनेई
17 सितम्बर 2022