ऐ अल्लाह! हज़रत अली बिन मूसा रेज़ा पर दुरूद भेज, जो साहिबे रेज़ा, पसंदीदा, इमाम, परहेज़गार, पाकीज़ा हैं और हर उस चीज़ पर तेरी हुज्जत हैं जो ज़मीन पर और ज़मीन के नीचे है।
इस्लामी इंक़ेबला के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने पवित्र शहर मशहद में इमाम रज़ा अलैहिल्सलाम के रौज़े की ज़ियारत की और पवित्र ज़रीह की सफ़ाई के रूहानी कार्यक्रम ‘ग़ुबार रूबी’ में हिस्सा लिया।
इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम की उम्र लगभग 55 साल है। 55 साल की इस उम्र में लगभग 20 साल का समय उनकी इमामत का समय है। जब हज़रत की इमामत का दौर ख़त्म हुआ और आपको शहीद कर दिया गया तो अगर आप उस वक़्त के हालात देखिए तो महसूस करेंगे कि अहले बैते रूसूल से मुहब्बत का सिलसिला इस्लामी जगत में इस व्यापकता और गहराई के साथ फैल चुका था कि ज़ालिम अब्बासी सल्तनत उस पर क़ाबू पाने में नाकाम थी। यह कारनामा इमाम अली रज़ा अलैहिस्सलाम ने अंजाम दिया।
इमाम ख़ामेनई
Sept 17, 2013
पैग़म्बरे इस्लाम के वंशज और आठवें इमाम हज़रत अली रज़ा अलैहिस्सलाम की शहादत की बरसी पर तेहरान में इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में गुरुवार 7 अक्तूबर की सुबह मजलिस आयोजित हुई जिसमें इस्लामी क्रान्ति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनेई ने शिरकत की।
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तेहरान पुस्तक मेले के मुआइने के बाद एक इंटरव्यू में आयतुल्लाह ख़ामेनेई: