इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने मुल्क में कोरोना पैन्डेमिक की हालत में सुधार के मद्देनज़र यह आध्यात्मिक सफ़र किया।

मोहर्रम की आख़िरी तारीख़ को यह रूहानी कार्यक्रम हुआ जिसमें उलमा, रौज़े और ज़ायरीन की सेवा करने वाले ख़ादिम शामिल हुए। यह समारोह पवित्र क़ुरआन की तिलावत से शुरू हुआ जिसके बाद जामेआ कबीरह नाम की ज़ियारत पढ़ी गयी और ख़तीब ने राहे ख़ुदा में अहलेबैत अलैहेमुस सलाम पर पड़ने वाली मुसीबतें बयान कीं।