05/06/2024
तूफ़ान अलअक़सा ने पूरे वेस्ट एशिया की राजनीति और अर्थ व्यवस्था पर कंट्रोल हासिल करने की ज़ायोनी हुकूमत की व्यापक योजना को ख़त्म कर दिया और यह उम्मीद ही मिटा दी कि इस योजना को वह दोबारा बहाल कर पाएगी। 
31/01/2024
“ग़ज़ा के संबंध में भविष्यवाणियां पूरी तरह सही साबित हो रही हैं। शुरू से ही हालात पर नज़र रखने वालों ने यहां भी और दूसरी जगहों पर भी यह भविष्यवाणी की थी कि इस मसले में फ़िलिस्तीन का रेज़िस्टेंस फ़्रंट फ़ातेह होगा। इस जंग में हार, दुष्ट व मनहूस ज़ायोनी फ़ौज की होगी। ज़ायोनी फ़ौज क़रीब 100 दिन से जारी अपराध के बाद भी अपना कोई भी लक्ष्य हासिल नहीं कर सकी है। उसने कहा कि हमास को ख़त्म कर देंगे, न कर सकी। उसने कहा कि ग़ज़ा के लोगों का कहीं और पलायन करा देंगे, वो न कर सकी। उसने कहा कि रेज़िस्टेंस फ़्रंट के हमले रुकवा देंगे, वो यह भी न कर सकी।” यह 9 जनवरी को इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की स्पीच का एक हिस्सा है जिसमें उन्होंने ग़जा पट्टी में अपने लक्ष्य को हासिल करने में ज़ायोनी फ़ौज की नाकामी की ओर इशारा किया। अब जबकि ग़ज़ा पट्टी पर ज़ायोनी फ़ौज के हमले को 100 दिन से ज़्यादा हो गए हैं, अपने इन लक्ष्यों को हासिल करने में तेल अबीब की नाकामी पहले से कहीं ज़्यादा उजागर हो गयी है, जिन्हें हासिल करने का उसने प्रण किया था।
21/11/2023
ज़ायोनी, फ़िलिस्तीन में इस्लामी आस्था का मुसलमसल अनादर करते हैं, मस्जिदुल अक़्सा पर ज़ायोनियों के हमले से हर मुसलमान के दिल को चोट पहुंचती है, ऐसे ज़ुल्म पर एक ग़ैरतमंद क़ौम का रिएक्शन क्या होगा? ज़ाहिर सी बात है कि वह तूफ़ान बरपा कर देगी।
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