हमारी सोचने की शक्ति की इतनी बुलंद उड़ान नहीं है, वह हिम्मत और हौसला नहीं है कि हम यह कह सकें कि इस महान हस्ती की जीवनशैली हमारा आदर्श है। हमारी यह हैसियत नहीं। लेकिन बहरहाल हमारे क़दम उसी दिशा में बढ़ें जिस दिशा में हज़रत ज़ैनब के क़दम बढ़े हैं। हमारा मक़सद इस्लाम का गौरव होना चाहिए, इस्लामी समाज की गरिमा होना चाहिए, इंसान की प्रतिष्ठा होना चाहिए।
इमाम ख़ामेनेई
20 नवम्बर 2013
महान हस्ती हज़रत ज़ैनब सलामुल्लाह अलैहा ने दो बिन्दु उजागर किएः एक यह कि औरत धैर्य का असीम महासागर हो सकती है, दूसरे यह कि औरत समझदारी व अक़्लमंदी की ऊंची चोटी बन सकती है।
इमाम ख़ामेनेई
12 दिसम्बर 2021
हज़रत ज़ैनब के कारनामे की तुलना इतिहास की अन्य बड़ी घटनाओं से नहीं हो सकती। उसकी तुलना ख़ुदा आशूर की घटना से करना चाहिए। वाक़ई यह दोनों एक दूसरे के बराबर हैं।
इमाम ख़ामेनेई
20 नवम्बर 2013
अगर हज़रत ज़ैनब सलामुल्लाह अलैहा न होतीं तो कर्बला भी न होती। अगर हज़रत ज़ैनब की बहादुरी न होती तो कर्बला की घटना इस तरह फैल नहीं सकती थी और इस तरह तारीख़ में अमर न हो पाती।
इमाम ख़ामेनेई
16 फ़रवरी 2011