इक़बाल अगर आज ज़िंदा होते तो वो एक ऐसी क़ौम को अपनी आँखों के सामने पाते जो अपने क़दमों पर खड़ी है; क़ौम परस्ती, राष्ट्रवाद और ग़ैर ज़रूरी वतनपरस्ती की चहारदीवारी में ख़ुद को क़ैद नहीं करती और इक़बाल की ऐसी ही दूसरी आरज़ूएं जो उनकी क़ीमती किताबों में हर जगह मौजूद हैं, उनको वो क़ौम यहाँ नज़र आती।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 19 अक्तूबर 2022 को मुल्क के जीनियस और मुमताज़ इल्मी सलाहियत के मालिक नौनौजवानों से मुलाक़ात में तक़रीर की। इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में होने वाली अपनी तक़रीर में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने मुमताज़ इल्मी क़ाबिलियत को अल्लाह की नेमत क़रार दिया और इसके बेहतरीन इस्तेमाल के विषय पर बात की। आपने साइंस व टेक्नालोजी के मैदान में ईरान की हैरतअंगेज़ तरक़्क़ी की मिसालें बयान कीं और कुछ हिदायतें दीं। (1)
तक़रीर का तरजुमा पेश हैः
अमरीका ताक़तवर ईरान का विरोधी है, इंडिपेंडेंट ईरान का विरोधी है। उन्हें इस्लामी जुमहूरिया से गहरी दुश्मनी है। इसमें कोई शक ही नहीं लेकिन इस्लामी जुमहूरिया के अलावा ख़ुद ताक़तवर ईरान के भी ख़िलाफ़ हैं, उस ईरान के ख़िलाफ़ हैं जो इंडिपेंडेंट हो। उन्हें पहलवी हुकूमत के दौर का ईरान पसंद है जो दूध देने वाली गाय हो। उनके हुक्म का पाबंद हो। मुल्क का बादशाह हर फ़ैसले के लिए ब्रिटेन और अमरीका के राजदूत की रज़मंदी लेने पर मजबूर हो।
इमाम ख़ामेनेई
3 अकतूबर 2022