इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने अपने एक संदेश में अरबईने हुसैनी के दिनों में मेज़बानी के लिए इराक़ी मौकिबदारों और महान इराक़ी राष्ट्र का शुक्रिया अदा किया।
बुधवार 11 सितम्बर 2024 को अपनी इराक़ यात्रा के दौरान राष्ट्रपति श्री डॉक्टर मस्ऊद पेज़िश्कियान ने इराक़ के प्रधान मंत्री श्री शिया अल सूदानी को इस संदेश के अरबी अनुवाद की शील्ड प्रस्तुत की।
रहबरे इंक़ेलाब के इस संदेश का अनुवाद इस प्रकार है:
इमाम हुसैन (अलैहिस्सलाम) पूरी इंसानियत के हैं। हम शिया गर्व करते हैं कि हम इमाम हुसैन के अनुयायी हैं, लेकिन इमाम हुसैन सिर्फ़ हमारे नहीं हैं। इस्लामी मत, चाहे शिया हों या सुन्नी, सभी इमाम हुसैन के परचम की छाया में हैं। इस अज़ीम (अरबईन) मार्च में यहाँ तक कि वे लोग भी जो इस्लाम पर अमल नहीं करते, शिरकत करते हैं और यह सिलसिला चलता रहेगा इंशाअल्लाह, यह एक अज़ीम निशानी है जो अल्लाह दिखा रहा है।
इमाम ख़ामेनेई
18 सितंबर 2019
इस अरबईन वॉक में जिस इरादे और मज़बूती के साथ आपने क़दम बढ़ाए, जवानों के अंदाज़ में क़दम बढ़ाए, हर मैदान में रूहानियत, हक़ीक़त और तौहीद की हुक्मरानी की राह में इंशाअल्लाह आप इसी मज़बूती से आगे बढ़ेंगे।
जिस तरह अरबईन की अज़ीम पैदल ज़ियारत में मज़बूती के साथ करबला की जानिब आप गए, इंशाअल्लाह हर मैदान में रूहानियत, हक़ीक़त और तौहीद के प्रभुत्व की राह को इसी मज़बूती से तय करेंगे।
इमाम ख़ामेनेई
6 सितम्बर 2023
जब कर्बला का वाक़ेया हुआ और उस जगह पर इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और उनके साथियों व रिश्तेदारों ने बेमिसाल बलिदान का प्रदर्शन कर दिया तो अब बारी थी क़ैदियों की कि वो पैग़ाम को आम करें।
इमाम ख़ामेनेई
इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में इमाम हुसैन के अरबईन की अज़ादारी हुई। छात्रों के इस कार्यक्रम में रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने भी शिरकत की और इस मौक़े पर अपने ख़िताब में मजलिस और अज़ादारी को हुसैनी रूहानियत और नूर से संपर्क का ज़रिया बताया और कहा कि इस संपर्क को क़ायम रखना चाहिए।
यह आशूर का पैग़ाम है जो हज़रत इमाम हुसैन और हज़रत ज़ैनब के गले से बड़ी बेबसी और तनहाई के वक़्त निकला और आज आलमगीर बन गया है, दुनिया पर छा गया है। यह अल्लाह की अज़ीम निशानी है जो अल्लाह दिखा रहा है।